सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को हरी झंडी दिखा दी है।
मनोज जरांगे की मांग है कि सरकार मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र जारी करे।
मुंबई। महाराष्ट्र कैबिनेट ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण के बिल के मसौदे को मंजूरी दी। पिछले चार दशकों से चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए शिंदे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मसौदे में सरकार ने उन त्रुटियों को दूर कर लिया है, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था।
राज्य विधानमंडल के एक विशेष सत्र में मराठों को 50 प्रतिशत से ऊपर आरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। एक दशक में यह तीसरी बार है जब राज्य ने मराठा कोटा के लिए कानून पेश किया गया है। यह विधेयक तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है।
मनोज जरांगे ने विधायकों से बिल का समर्थन करने की अपील की थी
इससे पहले मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने सोमवार को सभी मराठा विधायकों से अपील की थी कि एकमत से आरक्षण बिल का समर्थन करें। अगर आरश्रण को लेकर विधायकों ने आवाज नहीं उठाई तो समझा जाएगा वे मराठा विरोधी हैं।