शाह ने कहा परिवारवाद, तुष्टिकरण जहर के समान, मैंने आरोप लगाए, कांगे्रस को जवाब देना चाहिए
शाह ने कहा-मैं गरीब कल्याण और विकास पर चुनाव लडऩा चाहूंगा
भोपाल। भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार के 20 वर्ष के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कमलनाथ पर जमकर हमले किए हैं। रिपोर्ट कार्ड जारी करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से भी चर्चा की और उनके सवालों का जवाब भी दिया है। अमित शाह प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पर ताबड़तोड़ हमले बोलते हुए कहा कि ये नेता इधर-उधर की बात न करें और सिर्फ जनता को इतना बताएं कि मध्यप्रदेश का काफिला क्यों लूटा। शाह ने कहा कि 2018 का विधानसभा चुनाव जातिवाद की परछाई में हुआ। लेकिन 2023 का विधानसभा चुनाव जातिवाद नहीं, विकास, सुशासन और गरीब कल्याण के आधार पर भाजपा लड़ेगी।
भाजपा सरकार मप्र विधानसभा चुनाव भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी। शाह ने दिग्विजय सिंह के संदर्भ में कहा कि ‘मिस्टर बंटाधारÓ की सरकार के बाद जब से प्रदेश में 2003 से भाजपा सरकार आई है, तब से बिजली, पानी, सड़क से लेकर कानून-व्यवस्था तक के आमूलचूल बदलाव आया है। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से विकास को लेकर लगातार सवाल किए। अमित शाह ने कहा कि योग्यता के आधार पर टिकट देना परिवारवाद नहीं है। उन्होंने परिवारवाद की परिभाषा भी समझाई।
सड़कें ऐसी कि हिचकोले से नींद खुल जाती थी
अमित शाह ने कहा कि 2003 के पहले वे कई बार गुजरात के दाहोद के रास्ते उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर के दर्शन के लिए आते थे। उस समय दाहोद तक तो गाड़ी में बहुत अच्छी नींद आती थी, लेकिन गाड़ी के मध्यप्रदेश में प्रवेश करते ही सड़क के गड्ढों के कारण आंख खुल जाती थी। इसी तरह उन्होंने कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन्होंने कभी हल हाथ में नहीं लिया। कमलनाथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भाजपा सरकार से सवाल कर रहे हैं।
पत्रकारों के सवाल, अमित शाह के जवाब
सवाल- ये मानें कि आप 2024 चुनाव को विकास के मुद्दे पर ही लेकर आएंगे?
जवाब- हम तो यही चाहते हैंविकास के मुद्दे पर चुनाव हो । कांग्रेस की परंपरा थी चुनाव को जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण के आधार पर घसीट कर ले जाना। मोदी जी ने नई परंपरा डाली पॉलिट्कस ऑफ परफोर्मेंस। धारा 370 को भी समाप्त किया है। राम मंदिर का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। यहां महाकाल लोक भी बना है। हम जरूर चाहेंगे कि चुनाव विकास और गरीब कल्याण के मुद्दे पर हो।
सवाल : 15 महीने की कमलनाथ सरकार का जिक्र किया? क्या इनका काम भाजपा के लिए चुनौती है? भाजपा आरोप पत्र लाएगी?
जवाब : आरोप तो मैने लगा ही दिये हैं कांग्रेस को जवाब देना चाहिये।
सवाल : क्या ये सही है कि चुनाव जीतने के बाद शिवराज जी ही मुख्यमंत्री रहेंगे।
जवाब : अभी शिवराज जी मुख्यमंत्री ही हैं। पार्टी का काम पार्टी करेगी
सवाल- अभी जो टिकट वितरित हुई है उसमें परिवारवाद है ?
जवाब- परिवारवाद जहर है, जब पार्टियां परिवार की मिल्कियत बनती हैं। तो राजनीति के अंदर नीचे से जो लोग आते हैं उनके लिया क्या स्थान होता है। अटल जी किसके बेटे थे, मोदी जी किसके बेटे थे, राजनाथ जी किसके बेटे थे। मैं पार्टी का अध्यक्ष बना, मेरे परिवार का कोई राजनीतिक बैक ग्राउंड नहीं था, नड्डा जी पार्टी के अध्यक्ष बने कोई राजनीतिक बैक ग्राउंड नहीं था, शिवराज जी का बैकग्राउंड क्या है।
परिवार का मतलब सरकार और सत्ता में एक ही परिवार हो
कांग्रेस के एजेंडे को घुमा फिराकर भ्रांति खड़ी मत कीजिये परिवार से बहुत स्पष्ट है पार्टी की मलकियत सत्ता की मलकियत एक परिवार में हाथ में रहना इसको परिवारवाद कहते हैं। परिवारवाद की जब हम बात करते हैं तो पार्टी की मिल्कियत की बात करते हैं। आप क्या कह सकते हैं कि भाजपा मप्र की मिल्कियत कोई परिवार की है। आप मुझे बताइए, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) … मैं नेताओं के नाम नहीं लेना चाहता। परिवारवाद का मतलब है सरकार और शासन में एक ही परिवार के व्यक्ति आएंगे।
कहीं इक्का-दुक्का किसी के परिवार को योग्यता के आधार पर टिकट दिया, ये परिवारवाद का मुद्दा डाइल्यूट करना है। परिवार का मतलब है सरकार और शासन में एक ही परिवार के व्यक्ति ही आएंगी। इक्का-दुक्का व्य्कति अगर है तो इसे परिवारवाद नहीं कहेंगे, भ्रांति खड़ी मत कीजिये। पार्टी, सत्ता एक ही परिवार के हाथ में रहना परिवार वाद है।
सवाल : हाल ही में दो राज्यों में इन्हीं मुद्दों पर आपकी सरकार नहीं बनी, क्या गारंटी है कि मध्यप्रदेश में आपकी सरकार बनेगी।
जवाब : आप सिर्फ दो राज्यों की ही बात क्यूं करते हैं, हमारी मणिपुर से लेकर कई राज्यों में सरकार बनी हैं।
सवाल : आपने कई मुफ्त की घोषणाएं कीं, इन्हें कैसे लागू करेंगे, बजट का क्या प्रावधान है, ऐसा क्या करेंगे कि प्रदेश की जनता पर प्रभाव नहीं पड़े?
जवाब : हमने ये घोषणाएं चुनाव के समय नहीं कीं। हर घर में शौचायल 2015 में आई, 2020 में हर घर नल आई, हमारी योजनाएं और चुनाव का संबंध नहीं है। रही बात गरीब को रेवड़ी बांटने वाली बात की तो गरीब को भी समझ है कि मोदी जी ने एक लाख का घर दिया और कोई 200 रुपए का बिल माफ करेगा तो वह एक लाख का घर भूलकर 200 रुपए बिल माफी पर वोट नहीं करेगा। हमारा विश्वास गरीब को गरीबी से बाहर निकालना और उसकी आय बढ़ाना है।
Amit Shah said- Congress should tell why MP’s convoy was looted, tickets on the basis of merit, not familyism.