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भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में एआई की क्षमता वास्तव में विशाल है : मोदी

  • भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में कृत्रिम मेधा (एआई) की क्षमता वास्तव में विशाल है और वह भी विशेष रूप से युवाओं के बीच।
    नयी दिल्ली।
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में कृत्रिम मेधा (एआई) की क्षमता वास्तव में विशाल है और वह भी विशेष रूप से युवाओं के बीच। प्रधानमंत्री मोदी ने चैटजीपीटी का निर्माण करने वाली कंपनी ओपनएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम ऑल्टमैन से बृहस्पतिवार को हुई मुलाकात के बाद यह बात कही। मोदी और ऑल्टमैन ने इस दौरान एआई के नियमन से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उपयोगी बातचीत के लिए ऑल्टमैन का धन्यवाद। भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में एआई की क्षमता वास्तव में विशाल है और वह भी विशेष रूप से युवाओं के बीच। हम उन सभी सहयोग का स्वागत करते हैं जो हमारे नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए हमारे डिजिटल बदलाव को गति दे सकते हैं।’ इससे पहले, ऑल्टमैन ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान उनके बीच भारत में तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भारत को कृत्रिम मेधा से कैसे लाभ हो सकता है, इस बारे में भी प्रधानमंत्री से चर्चा हुई।

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