गिरफ्तारी के बाद बोले कर्ज उतारने की चोरी, समाज कराते और प्रोटीन शेक पीते थे
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाले तीन शातिर चोर राजस्थान की जेल से छूटते ही छत्तीसगढ़ में दो दिन के अंदर चार चोरियों को अंजाम दे दिया। करीब तीन दर्जन चोरियां कर चुके यह अंतर्राज्जीय चोर गिरोह छत्तीसगढ़ में पांचवीं चोरी को अंजाम देने से पहले ही पकड़ा गया। तीनों शातिर चोर भिलाई पुलिस की रिमांड पर हैं और रायपुर पुलिस भी पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार अनूप सिंह, अमित सिंह और राकेश कुशवाहा भोपाल के रहने वाले हैं और चोरी के एक मामले में राजस्थान के भीलवाड़ा में गिरफ्तार हुए थे। हाल ही में राजस्थान की जेल से छूटने के बाद कर्ज तीनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे और प्रोफेसर कॉलोनी में चोरी को अंजाम दिया।
दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने मीडिया को बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे तीनों 5 अप्रैल की शाम छत्तीसगढ़ पहुंचे और उसी रात करीब 8 बजे रायपुर की प्रोफेसर कॉलोनी में चोरी की। इसके बाद हाईवे पर आराम किया और अगले दिन भिलाई में 3 जगह चोरियां की, लेकिन चौथी चोरी से पहले पकड़े गए।
यह सामान हुआ बरामद
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से 10 लाख के गहने, डॉलर, मसाजर, वॉकी-टॉकी सहित अन्य सामान जब्त किया गया है। आरोपी चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मसाज करते और प्रोटीन शेक पीते थे। आरोपियों ने दुर्ग में 5 और रायपुर में तीन मकानों में चोरी करना स्वीकार किया है। रायपुर में चोरी के बाद आरोपियों की कार सीसीटीवी में कैद हो गई थी।
ऐेसे पकड़े गए आरोपी
6 मार्च की शाम सेक्टर-10 स्थित मकान और फिर तालपुरी स्थित एक व्यक्ति के घर चोरी की। इसके अगले दिन 7 मार्च को पद्मनाभपुर में रेकी कर रहे थे, तभी पुलिस से इनका सामना हुआ। भागने के दौरान आरोपियों ने क्राइम टीम के आरक्षक चित्रसेन साहू को कार से कुचलने की कोशिश भी की। इसके बाद पुलिस आरक्षक को कुचलने वाले वाहन की सीसीटीवी फुटेज से तलाश कर रही थी तो यह आरोपी गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
24 लाख चुराने का था टारगेट, नहीं रखते सिम
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि जेल में रहने के दौरान उनके परिवार पर 24 लाख रुपए कर्ज हो गया था। उन्होंने कर्ज उतारने तीनों आरोपी छत्तीसगढ़ में 24 लाख की चोरी करके दूसरे राज्यों में चोरी करने जाते, इसके पहले ही पकड़े गए हैं। आरोपियों ने करीब 9 वर्ष पहले वर्ष 2015 में चोरी की पहली वारदात उज्जैन में की थी। इसके बाद भोपाल, महाराष्ट्र, राजस्थान के भीलवाड़ा और फिर छत्तीसगढ़ के रायपुर और दुर्ग में वारदात को अंजाम दिया। यह गिरोह अब तक करीब तीन दर्जन चोरियां कर चुका है।