- वित्तीय वर्ष 2025 की समाप्ति तक अपने सकल कार्यबल में महिलाओं का अनुपात एक तिहाई करना।
पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 मनाने के लिए तैयार हो रही है। ऐसे में भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम भी महिला सशक्तिकरण हेतु एक मुहिम पर तेजी से आगे बढ़ रही है और वह है वित्तीय वर्ष 2025 की समाप्ति तक अपने सकल कार्यबल में महिलाओं का अनुपात एक तिहाई करना। वेदांता एल्यूमिनियम का यह प्रयास उसकी इस प्रतिबद्धता का परिचायक है कि वह अपने संगठन में लैंगिक विविधता का विस्तार देना चाहती है और ऐसा करते हुए कंपनी परम्परागत तौर पर पुरुष प्रधान धातु व खनन उद्योग में लैंगिक अंतर को घटाने के लिए अहम कदम उठा रही है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट (report by the World Bank) के अनुसार वैश्विक खनन कार्यबल में महिलाओं की तादाद महज 15 प्रतिशत है, और कुछ क्षेत्रों में तो और भी कम महिलाएं हैं। भारतीय धातु व खनन उद्योग में 2010 से 2015 के बीच महिलाओं की नुमाइंदगी मात्र 7 प्रतिशत ही थी। महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिशों के बावजूद औरतों को लेकर मौजूद पूर्वाग्रहों तथा आदर्शों के अभाव के चलते इस मामले में प्रगति बेहद धीमी रही है।
यह ऐसा उद्योग है जहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व अत्यंत न्यून है, किंतु इस उद्योग में वेदांता एल्यूमिनियम एक ऐसी कंपनी है जो इस विषय पर मार्ग प्रशस्त कर रही है। आज वेदांता एल्यूमिनियम के कुल कर्मचारियों में 22 प्रतिशत महिला पेशेवर हैं। इस उद्योग में यह आंकड़ा सबसे अधिक है, लेकिन कंपनी यहीं नहीं रुकना चाहती, कंपनी का लक्ष्य और भी ऊंचा है। वेदांता एल्यूमिनियम साहस के साथ परम्परागत लैंगिक पक्षपात को चुनौती दे रही है, कंपनी एक समान कार्य परिवेश रच रही है जो कंपनी के उठाए कदमों से साबित होता है। कंपनी लैंगिक आधार पर नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर दायित्व देती है, कंपनी समृद्ध कार्य सामग्री मुहैया कराती है और प्रगतिशील कार्यस्थल नीतियां लागू करती है जैसे कि महिलाओं के लिए रात की पाली की शुरुआत।