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- भारत के खिलाफ अपने प्रभावशाली बल्लेबाजी प्रदर्शन के बाद भविष्य में उन्हें बहुत अधिक ड्राप नहीं किया जाएगा।
लंदन: ऑस्ट्रेलिया के शतकधारी बल्लेबाज ट्रेविस हेड ने कहा है कि चयन प्रक्रिया का परिणाम अक्सर उनके प्रभाव से परे होता है, लेकिन उम्मीद है कि ओवल में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के पहले दिन भारत के खिलाफ अपने प्रभावशाली बल्लेबाजी प्रदर्शन के बाद भविष्य में उन्हें बहुत अधिक ड्राप नहीं किया जाएगा। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल पिछले दो वर्षों की साइकिल में ऑस्ट्रेलिया का 20वां टेस्ट मैच है। इनमें से चार खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जो कि इन सभी 20 मुकाबलों का हिस्सा रहे हैं। वहीं ट्रैविस हेड 18 मैचों में ऑस्ट्रेलियाई एकादश का हिस्सा रहे हैं। 2021-22 में कोरोना से संक्रमित होने के चलते वह एशेज का एक मुकाबला नहीं खेल पाए थे जबकि अन्य मैच में उन्हें ड्रॉप किया गया था। भारत के खिलाफ पहले दिन 156 गेंदों में 146 रनों पर नाबाद रहने के बाद उन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 58.86 की औसत और 81.91 के स्ट्राइक रेट से 1354 रन बना लिए हैं। गुरुवार को उनकी नजरें दोहरे शतक पर होंगी। हालांकि इसी साल भारत के खिलाफ नागपुर टेस्ट में उन्हें टीम में जगह देने के लायक नहीं समझा गया था। आंकड़े भले ही बहस को किसी भी दिशा में मोड़ दें लेकिन पाकिस्तान और श्रीलंका के विरुद्ध हेड के संघर्ष को देखने के बावजूद हालिया दिनों में इसे एक आश्चर्यचकित करने वाली चयन प्रक्रिया ही माना जाएगा। हालांकि हेड ने कहा कि इस कारण उनके मन में असंतोष की कोई भावना नहीं है। ओवल में उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो यह मुझे अधिक विचलित नहीं करता है। मैं आज जहां हूं, वह मेरे लिए गौरव का विषय है और मुझे वही करना है जो मैं अब तक करते आया हूं। हमारे पास एक मजबूत टीम है और चयन हमेशा आपके पक्ष में तो नहीं जा सकता। यह मेरे नियंत्रण में नहीं है। मैं बस यही कोशिश कर सकता हूं कि जितना हो सके नियमित तौर पर अच्छा प्रदर्शन करता रहूं। उन्होंने कहा, मैं तो हर टेस्ट मैच खेलना चाहूंगा लेकिन मैं जानता हूं कि ऐसा हमेशा संभव नहीं होगा। उम्मीद करता हूं कि मुझे भविष्य में अधिक ड्रॉप नहीं किया जाएगा लेकिन ऐसा जरूर होगा.. इससे मुझे अधिक ऊर्जा प्राप्त नहीं होती है। मुझे पता है कि अतीत मैं कुछ निर्णय मेरे पक्ष में नहीं गए हैं लेकिन मैं ऐसा मानता हूं कि मुझे पर्याप्त अवसर मिले हैं और स्टाफ और कप्तान की ओर से मुझे समर्थन भी मिला है। नागपुर की तरह ही ओवल जैसे मैदान पर हेड का खेलना तय नहीं माना जा रहा था। 2019 के एशेज के अंतिम टेस्ट मैच में भी उन्हें एकादश में जगह नहीं दी गई थी। अब तक हेड ने कुल छह शतक जड़े हैं जबकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मौजूदा संस्करण में उनका यह चौथा शतक है। इन चार शतकों में से उनके बल्ले से तीन शतक मैच के निर्णायक मोड़ पर आए हैं। हेड ने स्टीव स्मिथ के साथ मिलकर 251 रनों की अटूट साझेदारी की। हालांकि दिन के अधिकांश हिस्से में बल्लेबाजी करना उतना आसान नहीं था। पिच में असंतुलित उछाल को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया भी टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का ही निर्णय करती। हालांकि अब ऐसा लगता है कि इस मैच में आगे पिच में असीमित उछाल प्राप्त होती है तो यह ऑस्ट्रेलिया के लिए अब काम कर सकता है। हेड ने कहा, अगर आप सही एरिया में गेंद डालेंगे तो इस पिच से काफी मदद मिल सकती है। खेल के आगे बढ़ने के साथ साथ संभव है कि विकेट और तेज होती जाए और अगर हम सही लेंथ पर गेंदबाजी करेंगे तो हम विपक्षी टीम के लिए इस पिच पर चुनौती पैदा करने में सफल हो जाएंगे। टॉप ऑफ द स्टंप गुड लेंथ की गेंद को खेलना उतना आसान नहीं था। और जैसा कि हमने देखा जब उन्होंने शॉर्ट पिच गेंदें डालने की रणनीति अपनाई तो विकेट एक कंसिस्टेंट विकेट के तौर पर बर्ताव नहीं कर रही थी। ड्यूक गेंदें वैसे भी कम स्विंग करती हैं, इसलिए इस वजह से हम कुछ अजीब क्षण के गवाह भी बने।