- बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भी कुछ ऐसा ऐलान किया है, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। दरअसल, बीसीसीआई ने ग्राउंड्समैन और पिच क्यूरेटर्स के लिए लाखों रुपए के इनाम का ऐलान किया है।
कोलकाता । बीसीसीआई सचिव जय शाह ने सोमवार को आईपीएल 2024 के 13 वेन्यू के सभी ग्राउंड स्टाफ और पिच क्यूरेटर के लिए इनाम का ऐलान किया है। कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल 2024 का खिताब जीत लिया है। चेपॉक स्टेडियम से शाहरुख खान, गौतम गंभीर, रिंकू सिंह से लेकर कप्तान श्रेयस अय्यर तक के जश्न मनाने के अतरंगी तरीके और तस्वीरें यकीनन आपका दिल जीत लेंगी। वहीं, इस बीच बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भी कुछ ऐसा ऐलान किया है, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया। दरअसल, बीसीसीआई ने ग्राउंड्समैन और पिच क्यूरेटर्स के लिए लाखों रुपए के इनाम का ऐलान किया है। जय शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है। उन्होंने इस पोस्ट के जरिए ग्राउंड स्टाफ और क्यूरेटर्स के लिए यह ऐलान किया।
जय शाह ने एक्स पर लिखा, ”हमारे सफल आईपीएल 2024 सीजन के पीछे अनसंग हीरोज ग्राउंड स्टाफ का अहम योगदान है। इन्होंने खराब मौसम की स्थिति में भी अच्छी पिच तैयार करके दी। 10 नियमित आईपीएल मैदानों के ग्राउंड्समैन और क्यूरेटर को 25-25 लाख रुपए मिलेंगे। वहीं 3 एक्स्ट्रा मैदानों के स्टाफ को 10-10 लाख रुपए मिलेंगे। आपके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद!” इस साल का आईपीएल दिल्ली कैपिटल्स, पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स द्वारा अपने शेड्यूल में एक अतिरिक्त घरेलू वेन्यू जोड़ने के बाद देश भर के 13 स्थानों पर खेला गया था।
दिल्ली ने अपने कुछ मैच नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम के अलावा विशाखापट्टनम में खेले, पंजाब ने मुल्लांपुर के अलावा धर्मशाला में कुछ मैच खेला जबकि राजस्थान ने जयपुर के बाद गुवाहाटी को अपना दूसरा घरेलू मैदान चुना। मैच की बात करें तो खिताबी मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स ने सनराइजर्स हैदराबाद को 18.3 ओवर में 113 रन पर समेटने के बाद 10.3 ओवर में 2 विकेट पर 114 रन बनाकर सबसे एकतरफा जीत हासिल की। वेंकटेश अय्यर ने मात्र 26 गेंदों पर नाबाद 52 रन में चार चौके और तीन छक्के लगाए। रहमानुल्लाह गुरबाज़ ने 32 गेंदों पर 39 रन में पांच चौके और दो छक्के लगाए। अय्यर और रहमानुल्लाह गुरबाज़ ने दूसरे विकेट के लिए 91 रन की साझेदारी की। 10 साल से कोलकाता इस इंतज़ार में थी कि वह फिर से आईपीएल की ट्रॉफी उठाए। हर साल वह प्रयास करते रही। उसके लड़ाके संघर्ष करते रहे लेकिन कई बार वो ट्रॉफी के करीब आकर भी अपना सपना पूरा नहीं कर पाए। मगर चेपॉक में 26 मई को कोरबो, लोड़बो, जीतबो रे की कहानी आखिरकार सच हो गई।