हमारे हिंदू धर्म में सावन की महत्त्वता बेहद ही खा़स और महत्वपूर्ण होती है, यह महीना बहुत ही शुभ माना जाता है, सावन का महीना बहुत ही सुहाना महीना होता है सावन आते ही जैसे मौसम में हरियाली आ जाती है पूरा मौसम सुहाना सा होने लगता है साथ ही बारिश के होने से हवा की झोंको में ठंडी ठंडी पुरवइयां चलती रहतीं है इसे देख हमारा मन बहुत मनमोहक हो उठता है। सावन में ही सावन के झूले बंधते हैं, और इसे देखते ही बच्चे बेहद उत्साहित होते हैं ,
इसी सावन के महीने में शुरू होता है सावन सोमवार, जिसमें हम शिवजी की आराधना करते हैं कहा जाए तो भक्त उन्हें मनाने की कोशिश करते हैं, और शिव जी आराधना के लिए भक्त इनके लिए व्रत करते हैं | जिसे हम सावन सोमवार कहते हैं जो सिर्फ सावन के महीनें में ही आता है सावन में जितने भी सोमवार होते हैं उस दिन उनके भक्त उनके लिए व्रत करते हैं
1) सावन सोमवार क्यू मनाते हैं
सावन सोमवार हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र माना जाता है और यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, सभी भक्त बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ भगवान शिव और माता पार्वती के लिए उपवास करते हैं पूजा अर्चना करते हैं उन्हें मनाते हैं, भक्तों का मानना है कि सावन माह में सावन सोमवार का उपवास करने से भगवान शिव जी से आशीर्वाद प्राप्त होता है और, जीवन में सुखद स्मृद्धि और शांति प्राप्त होती है
2) सावन में पहले सोमवार का महत्व
सावन में पहले सोमवार का महत्व
बहुत विशेष होता है, सावन माह में जप, तप और ध्यान के लिए बहुत अच्छा होता है, सोमवार का दिन चंद्र ग्रह का दिन होता है और चंद्र के नियंत्रक भगवान शिव जी होते हैं, इस पूजा को करने से चंद्र और भगवान शिव जी की कृपा मिल जाती है, किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो, विवाह में मुश्किल हो या घर पर दरिद्र छायी हो, लेकिन अगर वह सावन माह के सावन सोमवार का व्रत पूरी विधि विधान से भगवान शिव जी की पूजा अर्चना करेगा तो उसे तमाम समस्या से मुक्ति मिल जाती है
3) सावन का महीना पवित्र क्यों है
यह माना गया है कि पुराणों के अनुसार दक्ष की पुत्री ने जब अपने प्राण को त्याग दिया था तब हिमालय के घर पर माता पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया था। माता पार्वती की इच्छा थी कि वे भगवान शिव जी से विवाह रचाना चाहती हैं, और इसी कारण माता पार्वती सावन माह में भगवान शिव जी की तपस्या की थीं। माह के पूरे दिन तप और कठोर तपस्या करने के बाद उनकी तपस्या और भक्ति को देखकर शिव जी प्रसन्न होकर माता पार्वती की मनोकामना पूरी की थी।और अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव जी को यह सावन का महीना अति प्रिय है। इसी लिए ये महीना बहुत पवित्र माना गया है
4) सावन सोमवार कितने दिनों के लिए होते हैं
सावन सोमवार इस बार 29 दिनों के लिए होगें हैं इस वर्ष हिंदू पंचाग के अनुसार 5 सावन सोमवार होंगे जो 22 जुलाई से आरंभ होंगे और 19 अगस्त को समाप्त होगें ।
5) भगवान शिव जी को चढ़ाने वाले फूल पत्र
सावन में ही बारिश का महीना होता है और इसी समय फूल पत्ते बारिश से बिल्कुल हरे भरे खिले हुए होते हैं, जिसमें हरे हरे पत्ते भिन्न भिन्न प्रकार के फूल फल पाये जाते हैं। भगवान शिव जी को चढ़ने वाले फल फूल बारिश में ही आते हैं। भगवान शिव को बेल के पत्ते, धतूरे का फूल और फल बहुत ही ज्यादा प्रिय है, सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव को बेल के पत्ते और धतूरे का फूल और फल अर्पित करते हैं।
6) भगवान शिव जी के प्रिय फल
भगवान शिव जी को बेर चढ़ाना बहुत अच्छा माना जाता है और इसके साथ उन्हें बेल फल बहुत पसंद हैं, भगवान शिव जी की पूजा के लिए आप मौसमी फल अर्पित कर सकते हैं जैसे सेव, केले, अनार, इत्यादी .
सावन के महीने में हम भगवान शिव जी और माता पार्वती जी की पूजा करते हैं मान्यता है कि जो भी सावन के महीने में भोले बाबा की पूरी विधि विधान से पूजा अर्चना करेगा उसके जीवन में हमेशा सुख स्म्रद्ध बना रहेगा |