संसद के बजट सत्र में अडानी मुद्दे को लेकर खूब हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की मांग पर अड़े रहे, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी और आखिरकार सत्र खत्म भी हो गया। अब इस पूरे मामले में प्रमुख विपक्षी दलों में से एक एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार का बयान सामने आया है। शरद पवार ने विपक्ष की जेपीसी वाली मांग को गैरजरूरी बताया। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि जेपीसी में सरकार का बहुमत रहेगा, ऐसे में संसदीय समिति कभी भी मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का ही विकल्प सबसे अच्छा है।
पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति बनाई, जिसमें रिटायर जज, एक एक्सपर्ट, एक प्रशासक और एक अर्थशास्त्री थे। उन्हें एक समय सीमा दी गई, जिसमें जांच करनी थी। दूसरी ओर विपक्ष चाहता था कि जेपीसी इसकी जांच करे। अगर जेपीसी बन भी जाती तो वो सरकार की निगरानी में काम करती। ऐसे में सच्चाई कैसे सामने आती। एक बात साफ है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बना दी थी, तो इस मांग की कोई जरूरत नहीं थी। पवार ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता इस मांग के पीछे कांग्रेस की क्या मंशा थी?
कांग्रेस का रिएक्शन आया सामने
शरद पवार के इस बयान के बाद कांग्रेस ने भी बयान जारी किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विपक्षी एकता का बचाव करते हुए कहा कि यह उनके अपने विचार हो सकते हैं। जयराम रमेश ने आगे कहा, ”इस मामले में 19 विपक्षी दल एकजुट हैं, हम सभी इस पूरे मामले को बेहद गंभीर मानते हैं।” इतना ही नही उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के खिलाफ एनसीपी को भी विपक्षी दल के साथ खडें होने की बात कही है।