2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरु हो चुके हैं जिसके लिए प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार नामांकन फार्म खरीद रहे हैं और अपनी दावेदारी सूनिश्चित कर रहे हैं, जिसमें कुछ अमीर है तो कुछ मध्यम भी हैं लेकिन वहीं एक प्रत्याशी भूमि हिन् मया राम नट है जो लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में पहुंचना चाहता है। जिसके लिए वह पंचायत चुनाव से जनपद विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रह चुके हैं और वहीं अब लोकसभा चुनाव में अपनी बहू के उम्मीदवार होने की दावेदारी करा रहा है और चुनाव लड़ने के लिए उसे नामांकन फार्म खरीदा जिसके लिए वह पालतू सूअर को बेच कर चुनावी खर्चा निकाल रहे हैं।
भूमि हिन है मया राम, चुनावी नामांकन फार्म के लिए बेच रहा सूअर
जांजगीर चाम्पा लोकसभा चुनाव के लिए बहुत से उम्मीदवार चुनाव के लिए खड़े हुए हां लेकिन इनमें से एक उम्मीदवार ऐसा भी है जो किसी के परिचय का मोहताज नहीं है, घुमन्तु समाज का मया राम नट है जो जांजगीर चाम्पा जिले के महंत गाँव में रहता है। जो अपनी कई पीढ़ियों से बॉस के डांग में करतब दिखाते आ रहे है, जिन्हे नट या डंगचगहा भी कहा जाता है। इनका चुनाव में खड़े होने का जज्बा कुछ ऐसा है कि नामांकन फार्म खरीदने के लिए पैसे ना होने पर अपने व्यापार के लिए पाले सूअर को बेच दिया और उनसे मिले पैसो से नामांकन फार्म खरीदकर उसे जमा कर दिया।
मया राम हर चुनाव में बेचता है, सूअर
माया राम नाट का कहना है कि उसके पास 100 से भी अधिक छोटे और बड़े सूअर है, जिनमें से बड़े सूअर की करते 10 हजार से भी अधिक है और छोटे सूअर की कीमत 3 से 5 हजार तक की है जिसे उसने चुनाव के नामांकन फार्म लिए के लिए उसने बेच दिया, जबकि यहीं उसकी संपूर्ण सम्पत्ति थी क्योंकि उसके पास ना तो कोई जमीन है और ना ही कोई व्यापार, बस यहीं सूअर है जिसको वह सुख, दुख और चुनाव में बेचकर अपना काम चलता है।
2001 से शुरू किया था चुनाव लड़ना
मया राम नाट का कहना है कि उन्होने 2001 में पहली वार पंचायत चुनाव लड़ा और पंच बने उसके बाद उन्होने जिला पंचायत सदस्य के पद से चुनाव लड़ना शुरू किया और क्षेत्र क्रमांक 2 से चुनाव मे मखड़े हुए और कमला देवी पाटले के प्रतिद्वंदी रहे और अब कमला देवी पाटले दो बार सांसद बन चुकी हैं उसके बाद से अब तक मया राम चुनाव लड़ रहा हैं और अब मया राम नट ने इस बार पामगढ विधानसभा sc रिजर्व सीट के लिए अपना नामांकन भरा है। मया राम ने बताया कि 2004 से हर विधानसभा, लोकसभा और जिला पंचायत के साथ जनपद का चुनाव अभी तक लड़ रहे हैं और इसके साथ ही एक बार अपनी बहु को भी जनपद पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल करी।
माया राम नाट करना चाहते हैं बदलाव, देश की जनता का होगा भला
माया राम नाट का कहना है कि लोगों में उनके विचारों को लेकर सहानुभूति है और अब वह बदलाव करना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें 15-16 प्रत्याशियों में कई बार पांचवा स्थान भी प्राप्त हुआ है। माया राम नाट चाहते है कि कुछ योजना का पालन करने के बाद किसानो को परेशानी ना हो और ना लोगों को खाने की और भूमि की चिंता हो और सभी खुशहाल रहे ऐसी सोच और विचार लेकर जनता के बीच वोट मांगने जाते है, माया राम नाट।
By Shalini Chourasiya