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- उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बवाल मचा हुआ है।
नई दिल्ली, डीएमके नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बवाल मचा हुआ है। उदयनिधि के बयान पर सबसे ज्यादा बीजेपी हमलावर है और डीएमके के बहाने इंडिया गठबंधन को घेर रही है। दरअसल, उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर की आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से करते हुए कहा था कि इसे समाप्त किया जाना चाहिए।
उदयनिधि की बयान पर सफाई
उन्होंने कहा था, “मैंने सनातन धर्म का पालन करने वालों के नरसंहार की अपील नहीं की। सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है, जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। सनातन धर्म को जड़ से उखाड़ना मानवता और समानता को कायम रखना है। मैं अपने हर एक शब्द पर दृढ़ता से कायम हूं।” उदयनिधि स्टालिन को राजनीति विरासत में मिली है। उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन डीएमके पार्टी के अधियक्ष हैं और तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वह डीएमके की युवा विंग के राज्य सचिव हैं। उदयनिधि को पिछले साल स्टालिन सरकार में खेल और युवा मामलों का मंत्री बनाया गया था।
राजनीति में लगभग 4 साल पहले आए
उदयनिधि स्टालिन का राजनीतिक करियर बहुत बड़ा नहीं है, उनको राजनीति में आए लगभग 4 साल हुए हैं। इससे पहले वह साउथ के सिनेमा में अभिनेता और निर्माता के तौर पर काम करते थे। उनकी पहली फिल्म ‘ओरु काल ओरु कन्नडी’ थी। 45 वर्षीय उदयनिधि अक्सर जींस और शर्ट में दिखते हैं।
2021 में लड़ा चुनाव, पहली बार विधायक बने
उदयनिधि की राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 2019 में हुई। डीएमके ने उन्हें पार्टी यूथ विंग का सचिव बनाया और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने डीएमके के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया. उदयनिधि ने पहली बार चेपॉक-तिरुवल्लिकेनी सीट से 2021 में चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बनकर विभानसभा पहुंचे।