महाराष्ट्र के राजनीति में गर्माहट आ गई है। 82 वर्षीय शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। एनसीपी पार्टी को खुद शरद पवार ने 1999 में बनाया था। हालाकि इस्तीफा के कारण को पवार ने स्पष्ट नही किया। महाराष्ट्र में कुछ दिनों से एनसीपी में आंतारिक मतभेद देखा जा रहा था। अजीत पवार औऱ कुछ अन्य नेताओं का कहना था कि एनसीपी को भाजपा के साथ रहना चाहिए था। इसके पहले ही शरद की बेटी सुप्रिया सुले ने 17 अप्रैल को कहा था कि 15 दिन में महाराष्ट्र की राजनीति में दो बड़े विस्फोट होंगे। बयान के ठीक 16वें दिन यानी 2 मई को 12:45 बजे 82 साल के शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया। पवार ने कहा कि वो इस्तीफा देने जा रहे हैं।
1999 में कांग्रेस से अलग हुए थे पवार
पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर NCP बनाई थी। उसके बाद से ही वे पार्टी के अध्यक्ष थे। पवार के ऐलान के बाद पार्टी कार्यकर्ता रोने लगे और उनसे फैसला वापस लेने की मांग करने लगे।
देश में NCP के 9 सांसद, 3 राज्यों में 57 विधायक
NCP के देश में अभी 9 सांसद हैं। लोकसभा के 5 और राज्यसभा के 4 मेंबर शामिल हैं। महाराष्ट्र में 54, केरल में 2 और गुजरात में 1 विधायक सहित कुल 57 विधायक हैं। हैं।
इस्तीफे में लिखा- लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का हिस्सा
शरद पवार ने इस्तीफे में लिखा, ‘मेरे साथियों! मैं NCP के प्रेसिडेंट का पद छोड़ रहा हूं, लेकिन सामाजिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहा हूं। लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का अटूट हिस्सा बन गया है। मैं पब्लिक मीटिंग और कार्यक्रमों में शामिल होता रहूंगा। मैं पुणे, बारामती, मुंबई, दिल्ली या भारत के किसी भी हिस्से में रहूं, आप लोगों के लिए हमेशा की तरह उपलब्ध रहूंगा। लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए मैं हर वक्त काम करता रहूंगा। लोगों का प्यार और भरोसा मेरी सांसें हैं। जनता से मेरा कोई अलगाव नहीं हो रहा है। मैं आपके साथ था और आपके साथ आखिरी सांस तक रहूंगा। तो हम लोग मिलते रहेंगे। शुक्रिया।’