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फिर उठे खांसी की दवा पर सवाल, टेस्ट में फेल हो गए 50 से ज्यादा कफ सिरप निर्माता

  • अक्टूबर तक जारी कफ सिरप के 2104 सैंपलों की जांच रिपोर्ट में से 128 की गुणवत्ता सही नहीं पाई गई है।
    नई दिल्लीः देश में कफ सिरप (खांसी की सिरप) बनाने वाली 50 से अधिक कंपनियां गुणवत्ता जांच में फेल हो गई हैं। यह जानकारी सरकार की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। यह रिपोर्ट उन खबरों के बाद आई है जिनमें पूरी दुनिया में 141 बच्चों की मौत को भारत में बनी कफ सिरप से जोड़ा गया था। इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से जारी इस रिपोर्ट के अनुसार 54 कंपनियों की अक्टूबर तक जारी 2104 जांच रिपोर्ट्स में से 128 मानक गुणवत्ता की नहीं थीं। इसमें फूड एंड ड्रग लैबोरेटरी गुजरात ने अक्टूबर तक 20 कंपनियों के 385 सैंपल की जांच की थी। इनमें से 51 सैंपल मानक गुणवत्ता ने नहीं थे। इसी तरह सेंट्रल ड्रग्स टेस्टिंग लैबोरेटरी मुंबई ने 10 कंपनियों के 523 सैंपल की जांच की थी। इनमें से 18 सैंपल गुणवत्ता जांच में फेल रहे। वहीं, रीजनल ड्रग्स टेस्टिंग लैबोरेटरी चंडीगढ़ की ओर से जारी 10 कंपनियों की 284 जांच रिपोर्ट्स में से 23 सैंपल इस कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए। भारतीय फार्माकोपिया आयोग गाजियाबाद ने नौ कंपनियों की 502 रिपोर्ट जारी कीं जिनमें 29 सैंपल गुणवत्ता जांच में असफल रहे।
    रडार पर हैं भारतीय कफ सिरप बनाने वाली कंपनियां
    बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि पश्चिमी अफ्रीकी देश गांबिया में एक्यूट किडनी इंजरी की वजह से हुई 70 बच्चों की मौत उन कफ और कोल्ड सिरप से जुड़ी हो सकती हैं जिनका निर्माण भारतीय कंपनी मैडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने किया था। इसके बाद से ही भारतीय कफ सिरप निर्माता रडार पर हैं। डब्ल्यूएचओ ने पांच अक्टूबर को कहा था कि गांबिया में एक्यूट किडनी इंजरी से हुई बच्चों की मौतें एक भारतीय कंपनी की ओर से बनाई गई संक्रमित सर्दी-खांसी की सिरप से जुड़ी हो सकती हैं। लेकिन भारत सरकार ने दावा किया था कि मैडेन फार्मास्यूटिकल्स की कफ सिरप की जांच में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
    मई में दिया गया था सैंपलों की जांच करने का निर्देश
    इस साल मई में भारतीय औषधि महानियंत्रक ने राज्य औषधि नियंत्रकों से कफ सिरप निर्माताओं की ओर से मिले उन सैंपलों की जांच करने का निर्देश दिया था जिनका एक्सपोर्ट होना था। इस काम को डीजीसीआई ने प्राथमिकता से करने और जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द जारी करने के लिए कहा था। इसके साथ ही विदेश व्यापार महानिदेशालय भी कफ सिरप निर्यातकों के लिए यह अनिवार्य कर चुका है कि वह एक्सपोर्ट करने से पहले अपनी कफ सिरप की जांच सरकारी लैबोरेटरी में करवाएं और सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस प्रस्तुत करें।
    गुजरात में आयुर्वेदिक सिरप ले चुकी है पांच की जान
    पिछले सप्ताह गुजरात के खेड़ा जिले में कथित तौर पर मेथिल अल्कोहल युक्त एक आयुर्वेदिक सिरप का सेवन करने से पांच लोगों की मौत हो गई थी और दो लोग बीमार हो गए थे।

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