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- हिंसा की घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
- पंचायत चुनावों को हिंसा एवं हत्या की घटनाओं के कारण अमान्य घोषित करने का आग्रह किया गया है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के तहत हुए मतदान में सैंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बावजूद अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें आईं। पिछले 24 घंटों में चुनावी हिंसा में 6 जिलों में 18 लोगों के मरने की खबर मिली। मरने वालों में 10 टी.एम.सी. कार्यकर्त्ता, 2 सी.पी.आई. (एम.) कार्यकर्त्ता, कांग्रेस के 2, भाजपा के 3 और आई.एस.एफ. का एक कार्यकर्त्ता शामिल है। इनके अलावा कई इलाकों से बूथ लूटने, बैलेट पेपर फाड़ने, बैलेट पेपर को आग लगाने की घटनाएं सामने आईं। कूच बिहार के माथभंगा-1 ब्लॉक के हजराहाट गांव में एक युवक बैलेट बॉक्स लेकर भाग गया। साऊथ 24 परगना के भांगड़ ब्लॉक के जमीरगाछी में इंडियन सैक्यूलर फ्रंट (आई.एस.एफ.) और टी.एम.सी. कार्यकर्त्ताओं के बीच झड़प हुई। यहां गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि टी.एम.सी. के लोग थैले में भरकर बम लाए थे। टी.एम.सी. कार्यकर्त्ता गांव के लोगों को डराकर वोट डलवा रहे थे। उन्होंने इतने बम फैंके कि 2 घंटे तक पोलिंग रुकी रही। कुछ बम मीडिया वालों की तरफ भी फैंके। फिलहाल यहां सैंट्रल फोर्स को तैनात किया गया। उधर, हिंसा की घटनाओं को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से भी बात की और कार्यकर्त्ताओं के बारे में जानकारी ली। वहीं, नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल जल रहा है। केंद्र को यहां राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। हालांकि टी.एम.सी. ने कहा, ‘‘यदि तृणमूल कांग्रेस वास्तव में हिंसा भड़काती है, तो उनके कार्यकर्त्ताओं को निशाना क्यों बनाया जाता और उनकी हत्या क्यों की जाती है?’’ इस बीच, कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक अभ्यावेदन देकर उस याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों को हिंसा एवं हत्या की घटनाओं के कारण अमान्य घोषित करने का आग्रह किया गया है। उधर, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों का दौरा कर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं। पश्चिम बंगाल के राज्य निर्वाचन आयुक्त (एस.ई.सी.) राजीव सिन्हा ने पर्यवेक्षकों और रिटर्निंग अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद वोटिंग में छेड़छाड़ की शिकायतों पर गौर करने और संभावित पुनर्मतदान पर निर्णय लेने का वादा किया।