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- सिद्धू को रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट से एक साल के सश्रम कारावास की सजा हुई थी
अमृतसर । पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला कोर्ट से रिहा हो गए । सिद्धू को रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट से एक साल के सश्रम कारावास की सजा हुई थी। उन्हें 20 मई 2022 को जेल भेजा गया था। समय से पहले सिद्धू की रिहाई की दो वजहें हैं। पहली वजह ये है कि सिद्धू ने अब तक कोई छुट्टी नहीं ली। वे जेल मैनुअल के हिसाब से एक महीने में चार छुट्टी लेने के हकदार थे। दूसरा उनके अच्छे आचरण को भी ध्यान रखा गया है। सिद्धू की सजा 19 मई को पूरी हो रही थी। कानून के विशेषज्ञों की मानें तो एक महीने में सौंप गए कार्य की प्रगति और कैदियों के आचरण के आधार पर 4 से 5 दिन की छूट दी जाती है।
पत्नी ने किया इमोशनल ट्वीट
नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई से पहले उनकी पत्नी ने एक इमोशन ट्वीट किया है। नवजोत कौर ने लिखा कि बिलकुल सत्य है, नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब के प्रति प्यार किसी भी चीज से बढ़कर रहा है। मैंने गुस्से में आकर उन्हें सबक सिखाने के लिए मौत मांग ली। भगवान की कृपा का इंतजार कर रही थी। यह फेज दो का घातक कैंसर है। आज सर्जरी के लिए जा रही हैं। किसी एक को दोष नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि यह भगवान की योजना है। प्रत्येक व्यक्ति की नियति और यात्रा अलग-अलग होती है। हमें इस पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।
26 जनवरी को भी जगी थी रिहाई की आस
दिसंबर 2022 से ही नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी। पंजाब कांग्रेस के कुछ विधायक और नेता उनके स्वागत के लिए तैयारियों में भी जुट गए थे, लेकिन सिद्धू की रिहाई नहीं हो पाई। जेल प्रशासन की तरफ से तकरीबन 56 लोगों की फाइल बनाई गई थी, जिन्हें अच्छे आचरण के चलते जेल से रिहा किया जाना था। लेकिन गणतंत्र दिवस से पहले कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को रखा ही नहीं गया। पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सांसद मनीष तिवारी ने नवजोत सिंह सिद्धू का नाम कैदियों की लिस्ट में नहीं होने पर आम आदमी की सरकार पर जमकर हमला बोला था। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में मई में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू ने 20 मई को कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया था और उन्हें पटियाला सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पिछले विधानसभा चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र अमृतसर (पूर्व) से हार गए थे।