लखनऊ के कैसरबाग स्थित कोर्ट में बुधवार दोपहर गोलीबारी हो गई जिसमें पेशी पर आए बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वकील की ड्रेस में आए हमलावरों ने 5-6 राउंड फायरिंग की। इसमें जीवा की मौत हो गई। जबकि एक बच्ची, 2 पुलिसकर्मी समेत 4 लोग जख्मी हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद भाग रहे हमलावरों में से एक को वकीलों ने पकड़ लिया। उसकी जमकर पिटाई की। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है।
जीवा मुख्तार अंसारी का करीबी था। वह लखनऊ जेल में बंद था। हाल ही में प्रशासन ने उसकी संपत्ति भी कुर्क की थी। जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाने में कंपाउंडर की नौकरी करता था। बाद में उसी दवाखाने के मालिक को ही अगवा कर लिया।
इस घटना के बाद जीवा ने 90 के दशक में कलकत्ता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती में दो करोड़ रुपए की मांग की। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा, फिर सतेंद्र बरनाला के साथ भी जुड़ा। वह खुद अपना भी एक गैंग बनाना चाहता था।..
भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्या मामले में आया था नाम
जीवा का नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया था। इस केस में जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके कुछ दिन बाद जीवा, मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया। इसी समय उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ।