मोदी सरकार लगातार आज तीसरे दिन कनाडा पर तीसरा सख्त एक्शन लिया है। जिसके अंतर्गत भारत ने अनिर्दिष्ट सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए गुरुवार को कनाडा में वीजा आवेदन निलंबित कर दिए, जबकि ओटावा से मांग की कि वह घरेलू मामलों में हस्तक्षेप के आधार पर भारत में अपने राजनयिक कर्मचारियों को कम करे। इस वजह से दोनों देशों के बीच राजनयिक संकट बढ़ गया है।
दरअसल ये पूरा विवाद सोमवार को कनाडा सरकार की उस घोषणा से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने ‘विश्वसनीय आरोपों’ की घोषणा की थी कि भारत सरकार ने कनाडा में एक सिख अलगाववादी की गैर-न्यायिक हत्या की साजिश रची थी। इस पर केंद्र की तरफ से कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के दावों को ‘निराधार’ और ‘बेतुका’ बताया था और ओटावा पर भारत विरोधी कारणों के प्रति सहानुभूति रखने का आरोप लगाया था।
आयोग और वाणिज्य दूतावास, “भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुद्दा भारत की यात्रा के बारे में नहीं है – जिनके पास वैध वीजा और ओसीआई जैसे अन्य प्रकार के दस्तावेज़ हैं, वे भारत की यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन मुद्दा हिंसा भड़काने और एक ऐसे वातावरण का निर्माण है जो हमारे उच्च के कामकाज को बाधित करता है।