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- क्रूड बास्केट के 10 फीसदी कीमत से ज्यादा नेचुरल गैस का प्राइज नहीं होता है.
- नेचुरल गैस की कीमत 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट तक नीचे आ जाएगी.
नई दिल्ली. महंगी रसोई गैस और बेतहाशा बढ़ते सीएनजी के दाम जल्द छुटकारा मिलने वाला है. सरकार ने ऐसा सुपरहिट फॉर्मूला तैयार किया है, जिससे सीएनजी और रसोई गैस की कीमतों में बड़ी गिरावट आ जाएगी.सरकार के नए फॉर्मूले से रसोई गैस की कीमतों में 120 रुपये तक और सीएनजी के प्राइज में 8 रुपये तक कमी आएगी. दरअसल, मोदी सरकार ने नेचुरल गैस की कीमतों पर एक कैप लगा दिया है. इसका मतलब है कि तय किए गए मूल्य से ज्यादा कीमत पर नेचुरल गैस को नहीं खरीदा जाएगा. केंद्रीय सूचना मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि अभी भारत की ओर से आयात किए जाने क्रूड बास्केट के 10 फीसदी कीमत से ज्यादा नेचुरल गैस का प्राइज नहीं होता है. इस कैप की वजह से नेचुरल गैस की कीमत 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट तक नीचे आ जाएगी. सरकार के मौजूदा फॉर्मूले के तहत इंडियन बॉस्केट में अभी जो भी क्रूड की कीमत होगी, उसके 10 फीसदी से ज्यादा कीमत पर नेचुरल गैस को नहीं खरीदा जाएगा. यानी अभी क्रूड अगर 85 डॉलर प्रति बैरल के भाव है तो गैस का प्राइज इसका 10 फीसदी यानी 8.5 डॉलर से ज्यादा नहीं होना चाहिए. लेकिन, नया फॉर्मूला एक प्राइज कैप लगाता है
फॉर्मूले का रसोई गैस और सीएनजी पर कितना असर
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि नई प्राइज सीलिंग के बाद रसोई गैस और सीएनजी की खुदरा कीमतों में करीब 10 फीसदी तक कटौती हो सकती है. अभी कुछ शहरों में रसोई गैस यानी 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी गैस सिलेंडर का दाम करीब 1,200 रुपये है तो इसका 10 फीसदी 120 रुपये होगा. यानी आने वाले समय में रसोई गैस 120 रुपये प्रति सिलेंडर तक सस्ती हो सकती है. इसी तरह, सीएनजी की कीमत अगर आपके शहर में अभी 80 रुपये प्रति किलोग्राम है तो इसमें भी 8 रुपये तक कटौती हो सकती है.