रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर झारखंड में राजनीतिक हलचल के बीच कई तरह की अटकलें तेज हो गई हैं। इसी बीच इस तरह के कयास लगाए जा रहे है कि सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की अगली मुख्यमंत्री बन सकती हैं। दरअसल, जमीन घोटाले को लेकर ईडी सीएम सोरेन से पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है कि ईडी ने सोमवार को हेमंत के दिल्ली स्थित घर की तलाशी ली थी। इस दौरान सोरेन काफी समय तक गायब रहे, जिससे काफी सुर्खियां बनीं। उनके अचानक गायब हो जाने के बीच भाजपा के निशिकांत दुबे ने हाल ही में दावा किया था कि अगर वह गिरफ्तार हो जाते हैं तो हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को सीएम पद पर बैठाने की योजना बना रहे हैं।
कौन हैं हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन? जानिए झारखंड के सीएम की पत्नी के बारे में
- कल्पना की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, वह मूल रूप से ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली हैं।
- कल्पना की शादी 7 फरवरी 2006 को हेमंत सोरेन से हुई। कल्पना और हेमंत के निखिल और अंश नाम के दो बच्चे हैं।
- कल्पना सोरेन का जन्म झारखंड के रांची में 1976 में हुआ था। कल्पना के पिता एक बिजनेसमैन हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। कल्पना बिजनेस और चैरिटी के काम से भी जुड़ी हैं।
- मिली जानकारी के मुताबिक कल्पना एक स्कूल भी चलाती हैं और जैविक खेती से जुड़ी हैं।
- 1946 में रांची में जन्मीं कल्पना ने इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई की।
चूंकि कल्पना सोरेन विधायक नहीं हैं, इसलिए मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए मौजूदा विधायक को अपनी सीट खाली करनी होगी। बीजेपी के निशिकांत दुबे के मुताबिक, कल्पना के सीएम बनने के प्रस्ताव पर हेमंत के भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन सहमत नहीं थे। हालांकि, हेमंत के भाई ने किसी भी पारिवारिक विवाद से इनकार किया है और कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार एकजुट है।
दरअसल, निशिकांत दुबे ने कहा था कि मंगलवार को जेएमएम की जिस बैठक में कल्पना सोरेन को अगला मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, उसमें कम से कम 35 विधायक मौजूद थे। विधायकों ने कथित तौर पर बिना किसी नाम का उल्लेख किए एक समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर किए क्योंकि ऐसी अटकलें थीं कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी की स्थिति में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को बागडोर सौंपी जाएगी। कल्पना सोरेन मंगलवार को रांची में राज्य के मंत्रियों और पार्टी विधायकों की बैठक में मौजूद थीं। ये मुलाकातें बीजेपी के इस दावे के बीच हुईं कि दिल्ली में अपने आवास पर ईडी से मुलाकात नहीं होने के बाद हेमंत सोरेन भाग गए। हेमंत सड़क मार्ग से दिल्ली से रांची पहुंचे और दो बैठकें कीं।