- उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एंटी-ड्रोन तकनीक खरीदी जा रही है.
- दुश्मन के किसी भी ड्रोन को निष्क्रिय करने की क्षमता भी रखेगा.
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर कड़ी व्यवस्था की जा रही है। इस बीच पुलिस सूत्रों ने बताया कि इजराइल निर्मित एंटी-ड्रोन सिस्टम को जल्द ही उत्तर प्रदेश में कुछ अन्य शीर्ष महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के साथ-साथ अयोध्या राम मंदिर की सुरक्षा के लिए तैनात किया जा सकता है। यूपी पुलिस ने इसकी खरीद की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है और उम्मीद है कि यह जल्द ही नई टेक्नोलॉजी का हिस्सा बन जाएंगे, जो पहले से ही देश के सबसे बड़े पुलिस बल द्वारा उपयोग में हैं।
पहली बार ऐसी टेक्नोलॉजी खरीदेगी यूपी पुलिस
यह पहली बार है कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एंटी-ड्रोन तकनीक खरीदी जा रही है। हाल ही में अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान और अन्य अवसरों पर, पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) या अन्य सुरक्षा बलों से उधार ली गई एंटी-ड्रोन प्रणालियों का इस्तेमाल किया। इजरायल में निर्मित इन एंटी-ड्रोन सिस्टम की अलग-अलग टेस्टिंग करने के बाद
इसे खरीदने का फैसला किया गया है।
हवा में दुश्मनों का कर देगा खात्मा
यह ड्रोन सिस्टम न केवल 3-5 किलोमीटर के दायरे में किसी भी ड्रोन का पता लगाएगा, बल्कि अपने रडार में दुश्मन के किसी भी ड्रोन को निष्क्रिय करने की क्षमता भी रखेगा। टेक्नोलॉजी की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया, ‘खतरे के आकलन के आधार पर, ये सिस्टम पुलिस को विभिन्न स्थितियों में उचित निर्णय लेने की अनुमति देंगे। जिनमें से एक है सॉफ्ट किल को अंजाम देना, यानी एक लेजर-आधारित डिस्टॉयर सिस्टम जिसका इस्तेमाल दुश्मन के ड्रोन के खिलाफ किया जा सकता है।
स्नाइपर्स भी किए जाएंगे तैनात
यह तकनीक पुलिस को दुश्मन के ड्रोन को हैक करने और सुरक्षित लैंडिंग निश्चित करने के साथ-साथ दुश्मन के ड्रोन को
आत्म-विनाश करने की अनुमति देती है। इन सिस्टम के साथ स्नाइपर्स भी तैनात किए जाएंगे, जिन्हें हार्ड किल का
प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो लेजर या अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके दुश्मन के ड्रोनों को मार गिराएंगे।’
यूपी पुलिस खरीदेगी 10 एंटी ड्रोन
इनमें से लगभग 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम यूपी पुलिस द्वारा खरीदे जा रहे हैं। अधिकारी ने बताया, ‘इन्हें लखनऊ, वाराणसी और मथुरा जैसे राज्य भर के शहरों में संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर और आवश्यकता के आधार पर स्थापित किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी हो गई है और हमें उम्मीद है कि उपकरण जल्द ही सौंप दिए जाएंगे।’