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अमेरिका के साथ अहम युद्धाभ्यास करेगी भारतीय वायुसेना, चीन की चुनौती से निपटने की तैयारी

  • तीन सालों से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बना हुआ है। ऐसे में भारतीय वायुसेना के इन युद्धाभ्यासों को चीन के खतरे से निपटने के तौर पर देखा जा रहा है।
    नई दिल्ली,
    भारत और अमेरिका हाल के समय में काफी करीब आए हैं। यह सहयोग रणनीतिक क्षेत्र में भी बढ़ रहा है। इसी का नतीजा है कि भारतीय वायुसेना अब अमेरिकी वायुसेना के साथ पश्चिम बंगाल के कालाईकुंडा एयरबेस पर युद्धाभ्यास करेगी। इस युद्धाभ्यास में जापान भी बतौर ऑब्जर्वर शामिल होगा। इस युद्धाभ्यास को भारत द्वारा चीन की चुनौती से निपटने के तौर पर देखा जा रहा है। भारत और अमेरिका की वायुसेनाओं के बीच होने वाले इस युद्धाभ्यास को Cope India नाम दिया गया है और यह 10 अप्रैल से शुरू होकर 21 अप्रैल तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास से दोनों देशों की वायुसेनाओं की ऑपरेशनल क्षमता में इजाफा होगा और दोनों के बीच जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान बढ़ेगा। इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट राफेल, सुखोई 30एमकेआई और भारत में निर्मित तेजस फाइटर जेट के साथ ही हवाई चेतावनी प्रणाली, सी-17 ग्लोबमास्टर-3, रणनीतिक तौर पर अहम एयरक्राफ्ट और हवा से हवा में फाइटर जेट में ईंधन भरने वाले आईएल-78 का इस्तेमाल करेगी। वहीं अमेरिका अपने अत्याधुनिका एफ-15 स्ट्राइक ईगल जेट्स का इस्तेमाल करेगा।
    चीन की चुनौती से निपटने की तैयारी
    बता दें कि भारत और चीन के बीच बीते तीन सालों से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बना हुआ है। ऐसे में भारतीय वायुसेना के इन युद्धाभ्यासों को चीन के खतरे से निपटने के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं रूस और चीन के बीच बढ़ते सहयोग को देखते हुए भी भारत अमेरिका के करीब जा रहा है।
    लगातार युद्धाभ्यास कर रही भारतीय वायुसेना
    गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना लगातार युद्धाभ्यास कर अपनी क्षमताओं में इजाफा करने की कोशिश कर रही है। इस साल ही अब तक भारतीय वायुसेना चार युद्धाभ्यासों में शामिल हो चुकी है। पहले जनवरी में भारतीय वायुसेना ने जापान की वायुसेना के साथ युद्धाभ्यास किया, जिसे ‘वीर गार्जियन’ नाम दिया गया था। यह युद्धाभ्यास जापान के हयाकुरी एयर बेस पर आयोजित हुआ था। इसके बाद 23 फरवरी से 17 मार्च तक भारतीय वायुसेना ने यूएई में हुए ‘डेजर्ट फ्लैग’ नामक युद्धाभ्यास में भाग लिया। जिसमें कई देश शामिल हुए। इसी युद्धाभ्यास में भारत में निर्मित तेजस विमानों ने पहली बार विदेशी धरती पर किसी युद्धाभ्यास में शिरकत की। इसके बाद 6 मार्च से 24 मार्च तक ब्रिटेन के साथ ‘कोबरा वारियर’ युद्धाभ्यास में भाग लिया। भारतीय सेना ने भी 13 फरवरी से 2 मार्च के बीच जापान की सेना के साथ ‘धर्म गार्जियन’ नामक युद्धाभ्यास में भाग लिया। इनके अलावा भारत और अमेरिका लगातार मालाबार नेवल वारगेम्स के तहत भी युद्धाभ्यास करते रहते हैं।

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