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प्रार्थनासभा में ‘सुतली बम’ से किया था धमाका, मरने वालों की संख्या हुई 3

  • केरल पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ता लगातार मामले में साक्ष्यों को जुटा रहे हैं।
    नई दिल्लीः
    केरल के एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी में प्रार्थनासभा के दौरान हुए बम धमाकों में ताजा अपडेट सामने आया है। फोरेंसिक एक्सपर्ट की ओर से विस्फोट स्थल का निरीक्षण करने पर पता चला है कि आरोपी डोमिनिक मार्टिन ने बम बनाने के लिए सुतली बम (देसी पटाखा) के विस्फोटक और करीब 7 से 8 लीटर पेट्रोल का इस्तेमाल किया था। बम को विस्फोट करने के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम (एक मोबाइल फोन) का इस्तेमाल किया गया था, जिसका मतलब है कि मार्टिन को इसके 400-500 मीटर के भीतर होना था। उधर जांच में जुटी केरल पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ता लगातार मामले में साक्ष्यों को जुटा रहे हैं।
    प्रार्थनासभा के पास मौजूद था मार्टिन!
    बताया गया है कि यह एक सुतली बम था, जिसे पटाखों और पेट्रोल से विस्फोटकों का उपयोग करके इकट्ठा किया गया था ताकि इससे कन्वेंशन सेंटर में एक भीषण आग लगाने वाला डिवाइस बनाया जा सके। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना था। जांचकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि एक मोबाइल फोन कॉल रेडियो-फ्रीक्वेंसी ट्रिगर सिस्टम के रूप में काम करता है, लेकिन ऐसे उपकरणों की रेंज आमतौर पर कम होती है, इसलिए इलेक्ट्रिक चार्ज को पूरा करने और आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को ट्रिगर करने के लिए मार्टिन को कॉल करने के लिए वहां मौजूद रहना पड़ा।
    इंटरनेट से सीखा सुतली बम बनाना
    तीन दिवसीय प्रार्थनासभा के अंतिम दिन रविवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे कोच्चि के पास कलामासेरी में जमरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र में हुए विस्फोट से अब तक 12 वर्षीय लड़की समेत तीन लोगों की मौत हो गई है। हालांकि मार्टिन ने बम विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हुए और संप्रदाय की शिक्षाओं को राष्ट्र-विरोधी और देशद्रोही बताते हुए पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। पूछताछ में सामने आया है कि आशंका है, मार्टिन ने इंटरनेट से सुतली बम बनाना सीखा था।
    भारत में आसानी से मिलता है सुतली बम
    बता दें कि सुतली बम भारत में दिवाली के त्योहार पर लोगों द्वारा चलाए जाते हैं। भारत में ये आसानी से उपलब्ध हो जाता है। 2018 में संघीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने आईएसआईएस आतंकवादी समूह से प्रेरित एक मॉड्यूल का खुलासा किया, जिसने ऑनलाइन वीडियो देखने के बाद सुतली बम बनाने की योजना बनाई थी। अधिकारियों ने कहा कि निष्क्रिय आतंकवादी समूह इंडियन मुजाहिदीन के कार्यकर्ताओं ने इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो का उपयोग करके ‘सुतली’ बम बनाने का भी प्रयास किया था।

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