नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट आने के बाद हिन्दू पक्ष अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख़ कर सकता है। दरअसल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बाद भी कुछ ऐसे मसले हैं, जिनसे पर्दा उठना बाक़ी है। हिन्दू पक्ष की ओर से इस संबंध में आज याचिका दाखिल की जा सकती है।
हिन्दू पक्ष की दलील है कि ज्ञानवापी मस्जिद में पूर्वी दीवार को चिनाई करवाकर बंद कर दिया गया था। अदालत के आदेश के मुताबिक़, अब तक बिना कोई खुदाई किए सर्वे किया गया है। लिहाज़ा ये नहीं पता चला है कि बंद दीवार के पीछे क्या है। हिन्दू पक्ष की दलील है कि ज्ञानवापी के वजूखाना में शिवलिंगनुमा आकृति को लेकर भी अब तक वास्तविकता सामने नहीं आ सकी है। इसका अब तक सर्वे नहीं हुआ है। अब हिंदू पक्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देकर वजूखाना के भी सर्वे की मांग कर सकता है।
ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट में क्या-क्या बताया
दरअसल, ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सर्वे रिपोर्ट बुधवार को मुकदमे के पक्षकारों ने सार्वजनिक कर दी. सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं. पक्षकारों ने जो सर्वे रिपोर्ट दी है, वह 839 पेज की है. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों को देने का आदेश दिया था. इसकी कॉपी पक्षकारों को गुरुवार को कोर्ट से मिली है. इसके बाद हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से बात की और कहा कि सर्वे से साबित हो गया कि ज्ञानवापी बड़ा हिंदू मंदिर था. उसे तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया. अब सील वजूखाने के सर्वे का अनुरोध किया जाएगा.