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- केंद्र एवं राज्यों के बीच समन्वित कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि लू के कारण कोई मौत न हो.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रभावी आपदा प्रतिक्रिया और प्रबंधन एक सहयोगी कार्य है तथा केंद्र एवं राज्यों के बीच समन्वित कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि लू के कारण कोई मौत न हो. केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के वास्ते एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने भीषण गर्मी की स्थिति का सामना कर रहे सात राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना) के स्वास्थ्य मंत्रियों, राज्य आपदा प्रबंधन मंत्रियों और प्रमुख सचिवों/अतिरिक्त मुख्य सचिवों तथा सूचना आयुक्तों के साथ डिजिटल रूप से चर्चा की. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘चक्रवात बिपारजॉय के लिए हाल ही में तैयारियों के उपायों के दौरान भारत ने प्रदर्शित किया है कि केंद्र और राज्यों के बीच समय पर और प्रभावी समन्वय वांछित परिणाम उत्पन्न कर सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘राज्यों द्वारा विचारों, विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने से गर्मी से संबंधित बीमारियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सभी को समृद्ध बनाने में मदद मिलती है.’ उन्होंने राज्यों से लोगों को समय पर चेतावनी के साथ जमीनी स्तर पर राष्ट्रीय कार्य योजना के आधार पर राज्य कार्य योजना को लागू करने और लू के गंभीर प्रभाव को कम करने के लिए निवारक तैयारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन राज्यों को भी सलाह दी जिन्होंने अभी तक कार्य योजना तैयार नहीं की है ताकि विशिष्ट क्षेत्र स्तर की कार्रवाई का तत्काल विवरण दिया जा सके और इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके. मांडविया ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) से गर्मी की चेतावनी और पूर्वानुमान को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दैनिक रूप से सभी राज्यों के साथ साझा किया जाता है और राज्यों से राज्य के अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए गर्मी और स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण नियमावली विकसित करने का आग्रह किया.