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- तेजस एक जुलाई को भारतीय वायु सेना में अपनी सेवा के सात वर्ष पूरे ।
- एक बहु-भूमिका का प्रदर्शन करता है और अपनी श्रेणी में सर्वोत्तम है
नई दिल्ली । तेजस एक जुलाई को भारतीय वायु सेना में अपनी सेवा के सात वर्ष पूरे हुए । एलसीए को 2003 में तेजस नाम दिया गया, जो कि एक बहु-भूमिका का प्रदर्शन करता है और अपनी श्रेणी में सर्वोत्तम है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसे वायु रक्षा, समुद्री सर्वेक्षण और आक्रमण भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है। तेजस को सबसे पहले वायुसेना के स्क्वाड्रन नंबर 45‘फ्लाइंग डैगर्स’ने शामिल किया था। इन वर्षों में, स्क्वाड्रन ने मिग-21 तक की प्राप्ति कर ली है। फ्लाइंग डैगर्स द्वारा उड़ाए गए सभी विमानों का निर्माण भारत में किया गया है- या तो लाइसेंस उत्पादन के अंतर्गत या भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है। मई 2020 में, 18 नंबर की स्क्वाड्रन तेजस को संचालित करने वाली भारतीय वायुसेना की दूसरी इकाई बनी। भारतीय वायुसेना ने मलेशिया के लीमा-2019, दुबई एयर शो-2021, श्रीलंका वायु सेना की वर्षगांठ समारोह 2021, सिंगापुर एयर शो-2022 और 2017 से 2023 तक एयरो इंडिया शो सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में इस विमान का प्रदर्शन करके देश की स्वदेशी विमान निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि नये संस्करण में ज्यादा हथियारों के साथ फायर करने में सक्षम होगा और इनमें से कई हथियार स्वदेश निर्मित होंगे। मंत्रालय के अनुसार एलसीए एमके-1ए से विमान की समग्र स्वदेशी सामग्री में बहुत उन्नति देखने को मिलेगी।