समुद्री लुटेरों के हमलों से दुनिया की अर्थव्यवस्था को करीब 700 करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचा था।
हूती आतंकी भी इस्राइल-हमास युद्ध के दौरान कई देशों के जहाजों को शिकार बना रहे हैं।
नई दिल्ली, नौसेना ने हाल के समय में समुद्र में कई बचाव अभियान चलाए हैं। ईरान के मछली पकड़ने वाले जहाज अल नईमी को मिलाकर पिछले केवल डेढ़ महीने में भारत 8 कार्रवाइयां सफलता से अंजाम दे चुका है। 14 दिसंबर 2023 को अरब सागर में व्यापारिक जहाज (एमवी) रुएन, 23 दिसंबर को ओमान के निकट एमवी केम प्लूटो, 4 जनवरी 2024 को एमवी लीला नोरफ्लोक, 17 को अदन की खाड़ी में जेन्को पिकार्डी, 26 को एमवी मार्लिन लुआंडा, 27 को लोरेंजो पुथा, 28 को एफवी ईमान को भी भारत ने समुद्री लुटेरों व हूती आतंकियों के हमले में मदद पहुंचाई थी। अब एफवी अल नईमी को बचाया गया है। रक्षा विशेषज्ञों ने अरब सागर, लाल सागर, अदन की खाड़ी आदि में सुरक्षा के लिए भारत से मिल रही मदद को सराहा है।
इसलिए अहम है भारत की कार्रवाई
साल 2011 में सोमालियाई समुद्री लुटेरों के हमलों से दुनिया की अर्थव्यवस्था को करीब 700 करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचा था। हूती आतंकी भी इस्राइल-हमास युद्ध के दौरान कई देशों के जहाजों को शिकार बना रहे हैं।
भारतीय नौसेना ने निगरानी बढ़ाई
व्यापारिक जहाजों पर हमलों की हालिया घटनाओं के मद्देनजर भारतीय नौसेना भी चौकस हो गई है। इसने अरब सागर और अदन की खाड़ी में फ्रंटलाइन विध्वंसक और फ्रिगेट तैनात करके अपने निगरानी काफी बढ़ा दी है।
नौसेना ने तैनात किए 10 युद्धक जहाज
अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर इस्राइल हमास युद्ध के बाद से हमले बढ़े हैं। यही वजह है कि नौसेना ने लाल सागर और अरब सागर के इलाके में अपने 10 युद्धक जहाज तैनात कर रखे हैं। बीते दिनों ब्रिटेन का झंडा लगे एक व्यापारिक जहाज की भी नौसेना ने मदद की थी, जब जहाज पर हूती विद्रोहियों ने मिसाइल से हमला किया था। मालदीव में चल रहे ‘इंडिया आउट’ कैंपेन पर विदेश मंत्री ने कहा कि ‘आखिर में पड़ोसियों को एक दूसरे की मदद पड़ती ही है। इतिहास और भूगोल बहुत ताकतवर ताकतें हैं और कोई भी इनसे नहीं बच सकता।’