- लोकसभा चुनाव में अपनी आम आदमी पार्टी का प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए लोकसभा चुनाव में अपनी आम आदमी पार्टी का प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनवाई करते हुए सीएम केजरीवाल को फौरी राहत देते हुए चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दे दी। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीएम केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी के बीच जोरदार बहस देखी गई। इस मामले में एसजी तुषार मेहता और एएसजी एसवी राजू ने चुनाव प्रचार के लिए आप प्रमुख केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं है। इन्होंने कोर्ट के समक्ष यह भी रेखांकित किया कि सीएम केजरीवाल ईडी द्वारा 9 समन दिए जाने के बावजूद उसके समक्ष पेश नहीं हुए। इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि ईडी ने यह बात सही कही है कि केजरीवाल उसके 9 नोटिस के बावजूद पेश नहीं हुए, जिसमें से पहला अक्टूबर 2023 में जारी किया गया था। कोर्ट ने कहा, ‘यह नकारात्मक पहलू है, लेकिन कई अन्य तथ्य हैं जिन पर हमें विचार करना होगा।’ बेंच ने कहा कि ईडी की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ (ईसीआईआर) अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी, जबकि मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया। ऐसे में केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के कारणों का विवरण बाद में दिया जाएगा। बेंच ने इतना जरूर बताया कि सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत की शर्तें वैसी ही होंगी जैसी ‘आप’ नेता संजय सिंह के मामले में लागू की गई थीं।