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- सरकारी अलमारी में मिली इस रकम में 2000 के 7,298 नोट एक करोड़ 45 लाख 96 हजार रुपये शामिल थे.
- 500 के 17 हजार 107 नोट मिले, जिनका मूल्य 85 लाख 53 हजार 500 रुपये है.
- एक किलो वजनी सोने की एक सिल्ली भी मिली. सिल्ली पर ‘मेड इन स्विट्जरलैंड’ लिखा हुआ था.
जयपुर , राजधानी जयपुर में सचिवालय से चंद कदम दूर 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा का काला धन मिलने का मामला बेहद सुर्खियों में है. खास बात यह है कि जिस दिन भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला किया, उसी दिन योजना भवन स्थित सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग दफ्तर में रखी अलमारी से यह राशि बरामद की गई. अलमारी में मिली इस रकम में 2000 के 7,298 नोट यानी एक करोड़ 45 लाख 96 हजार रुपये शामिल थे. इसके अलावा, 500 के 17 हजार 107 नोट मिले, जिनका मूल्य 85 लाख 53 हजार 500 रुपये है. साथ ही एक किलो वजनी सोने की एक सिल्ली भी मिली. सिल्ली पर ‘मेड इन स्विट्जरलैंड’ लिखा हुआ था. सोने की कीमत बाजार भाव के अनुसार करीब 62 लाख रुपये आंकी जा रही है.
अलमारी की चाभी खोने से खुला राज
दरअसल, इस विभाग में दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया चल रही है. इसी दौरान विभाग के दफ्तर में रखी एक अलमारी की चाभी नहीं मिल रही थी. यह देख DoIT के अधिकारियों ने टेक्नीशियन को बुलाकर लॉक तुड़वा दिया. गेट खुलने पर अलमारी में उन्होंने फाइलों के अलावा एक संदिग्ध बैग रखा देखा. मौके पर जयपुर शहर के पुलिस अमिश्नर आनंद श्रीवास्तव भी पहुंचे. जब बैग को खोला गया तो उसमें से 2.31 करोड़ रुपये नकद और एक किलोग्राम वजनी सोने की सिल्ली बरामद किए गए. अब तब इस मामले में जयपुर सिटी पुलिस अब तक 6 लोगों को हिरासत में ले चुकी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह काला धन किसका है.
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
इस बीच, पुलिस सरकारी विभाग के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है और अधिकारियों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही है. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मामले के पूरे अपडेट पर व्यक्तिगत रूप से नजर रख रहे हैं.
राजस्थान की राजनीति में भूचाल
उधर, सरकारी विभाग की अलमारी से काले धन की बरामदगी को लेकर राजनीति भी गरमा गई है. बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक ट्वीट में कहा, “काला धन निगलकर गहलोत सरकार का पेट ऊपर तक भर दिया गया है, इसलिए आज सचिवालय ने करोड़ों की नकदी और सोना उगल दिया. यह इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विकास में निरंतर नीचे जा रहे राज्य में भ्रष्टाचार किस ऊंचाई पर पहुंच गया है, ये उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. सरकारी लीपापोती जारी है लेकिन जनता से कुछ भी छिपा नहीं है.”