नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी को पाकिस्तान के आतंकवाद के उद्योग का प्रवक्ता करार दिया और कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेजी से कम हो रही है। गोवा में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) विदेश मंत्रिपरिषद की बैठक के समापन के बाद बैठक के बारे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जयशंकर ने ये बात कही। पाकिस्तानी विदेश मंत्री के एससीओ बैठक में दिए गए वक्तव्य और अन्यत्र दिए गए बयानों को लेकर पूछे गए सवालों पर विदेश मंत्री ने तीखी टिप्पणियां की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का उद्योग पाकिस्तान का मुख्य आधार है और बिलावल भुट्टो ज़रदारी इस उद्योग के प्रवक्ता बन गए हैं।पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भारत के जम्मू कश्मीर, चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे, आतंकवाद, अनुच्छेद 370, जी-20 की बैठक के श्रीनगर में आयोजन आदि का मुद्दा उठाया था। आज ही जम्मू कश्मीर के राजौरी में एक मुठभेड़ के बाद पांच भारतीय सैनिकों के मारे जाने की भी खबर आई। पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यात्रा के महत्व के बारे में एक सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ज़रदारी यहां एक एससीओ सदस्य राज्य के विदेश मंत्री के रूप में आए थे और उनके साथ उसी के अनुरूप व्यवहार किया गया। यह खेद की बात है कि वह आतंकवाद उद्योग के एक प्रवर्तक, औचित्यकर्ता और एक प्रवक्ता के रूप में पेश आए जो कि पाकिस्तान का मुख्य आधार है।” चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘तथाकथित सीपीईसी, कॉरिडोर पर, मुझे लगता है कि यह एक बार नहीं, बल्कि एससीओ की बैठक में दो बार स्पष्ट किया जा चुका है कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन यह राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकती है। और यह लंबे समय से हमारा रुख रहा है और यह बात सभी सदस्यों को स्पष्ट किया जा चुका है।” ज़रदारी द्वारा श्रीनगर में जी-20 कार्यक्रम की मेजबानी के मुद्दे को की गई टिप्पणियों पर, विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि जी-20 किसी के साथ विवाद का कोई मुद्दा है, निश्चित रूप से ऐसे देश के साथ नहीं जिसका जी-20 से कोई लेना-देना नहीं है और श्रीनगर से भी उनका कोई लेना देना नहीं है। जम्मू-कश्मीर भारत का अंग था, है, रहेगा और रहेगा; और जी-20 कार्यक्रम भारत के सभी हिस्सों में आयोजित किए जाते हैं, और यह पूरी तरह से स्वाभाविक है कि श्रीनगर में भी जी-20 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और किए जाएंगे।”
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