दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित अखूंदजी मस्जिद को बुलडोजर चलाकर जमींदोज़ कर दिया गया.
लोगों के मुताबिक, 600 से 700 साल पुरानी मस्जिद का निर्माण रजिया सुल्तान के दौर में किया गया था.
डीडीए के मुताबिक, संजय वन क्षेत्र में बनी इस मस्जिद के अलावा मंदिरों को भी हटाया गया है.
नई दिल्ली. दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित अखूंदजी मस्जिद और बहरूल उलूम मदरसे को बुलडोजर चलाकर जमींदोज़ कर दिया गया. स्थानीय लोगों का दावा है कि यह मस्जिद 600 से 700 साल पुरानी थी, जिसका निर्माण रजिया सुल्तान के शासनकाल के दौरान किया गया था. इसी मस्जिद परिसर में मदरसा बहरूल उलूम के साथ कुछ पुरानी कब्रें भी मौजूद थीं, जिसे दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने मंगलवार 30 जनवरी की सुबह ध्वस्त कर दिया.
जाकिर हुसैन पिछले डेढ़ साल से इस मस्जिद के इमाम थे. उन्होंने दावा किया कि डीडीए ने सुबह-सुबह बेहद गुपचुप ढंग से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और लोगों की नजर से इसे छिपाने के लिए मस्जिद और मदसरे का मलबा भी तुरंत हटा दिया गया था.
‘सामान हटाने के लिए दिया 10 मिनट का वक्त’
हुसैन कहते हैं, ‘बुलडोजर आने और विध्वंस शुरू होने से पहले हमें अपना सामान इकट्ठा करने के लिए मुश्किल से दस मिनट का समय दिया गया था.’ उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनका फोन छीन लिया, उन्हें साइट से दूर ले जाकर इलाके की घेराबंदी कर दी. उन्होंने कहा, ‘परिसर के चारों ओर CISF कर्मियों को तैनात किया गया था और मस्जिद ढहाने के बाद सारा मलबा इकट्ठा करके तुरंत ही उसे वहां हटवा दिया.’
डीडीए ने बताई मस्जिद ढहाने की वजह
बता दें कि डीडीए इन दिनों संजय वन क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को हटाने में जुटी है. इस अभियान के तहत इस इलाके से कई मंदिरों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को हटाया गया है. वहीं इस मस्जिद को ध्वस्त करने के पीछे डीडीए अधिकारियों ने तर्क दिया कि यह संरचना दक्षिणी रिज के आरक्षित वन भाग संजय वन में थी. डीडीए अधिकारियों ने कहा कि रिज प्रबंधन बोर्ड के निर्णय के अनुसार, रिज क्षेत्र को सभी प्रकार के अवैध अतिक्रमण से मुक्त किया जाना चाहिए.