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- जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले को लेकर खुफिया एजेंसियों के हाथ अहम सबूत लगे हैं.
- आतंकी आपस में संवाद करने के लिए इनक्रिप्टेड वेब बेस्ड इंस्टेंट मैसेंजर का इस्तेमाल कर रहे थे.
जम्मू. जम्मू-कश्मीर में दो आतंकवादी हमलों ने पूरे देश को हिला दिया. अब इस आतंकवादी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. दोनों आतंकी हमलों के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं. हमलों को लेकर जांच एजेंसियों के हाथ अहम सबूत लगे हैं. खबर है कि जम्मू के दोनों आतंकी हमलों में आतंकी आपसी संवाद के लिए इनक्रिप्टेड वेब बेस्ड इंस्टेंट मैसेंजर का इस्तेमाल कर रहे थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह इंक्रिप्टेड वेब बेस्ड इंस्टेंट मैसेंजर चीनी तकनीक से लिंक है और लगातार पाकिस्तान के जरिए आतंकियों को इसी से संदेश दिया जाता है. खुफिया एजेंसियों को इस बात की भी आशंका है कि बड़ी तादाद में पाकिस्तान ने इसे संवाद के लिए बनाया है. पाकिस्तान आतंकियों के साथ फर्जी वेबसाइट और ऐसे गुमनाम मैसेंजर के जरिए संपर्क साधता है. और आतंकी हमले का प्लान बनाकर इसे अंजाम देने की कोशिश करता है. खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक ऐसे एक दर्जन वेब बेस्ड इंस्टेंट मैसेंजर सक्रिय हैं जिनका इस्तेमाल पिछले 1 साल में आतंकियों ने किया है. इनके जरिए भारत में घुसपैठ करने के साथ-साथ आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए संवाद किया जाता है. इसके अलावा वीओआईपी फर्जी ऐप के जरिए भी कोड वर्ड में आतंकी आपस में संवाद करते हैं. इस बात की भी जानकारी खुफिया एजेंसियों को मिली है कि वेब बेस्ड इंस्टेंट मैसेंजर द्वारा आतंकी सीमा पार से इंस्ट्रक्शन लेते हैं. ऐसे मैसेंजर के इस्तेमाल करने की प्रमुख वजह है आतंकियों और उनके आकाओं की पहचान ना जाहिर होना. इसके अलावा इन जैसे और भी वेब बेस्ड इंस्टेंट मैसेंजर और एप्लीकेशन जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं. जिसके द्वारा पाकिस्तान आतंकियों से संवाद करता है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार को मुठभेड़ हुई थी. इसमें 5 जवान शहीद हो गए. वहीं गुरुवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच बारामूला के वनिगम पयीन क्रीरी इलाके में मुठभेड़ हुई थी. दोनों मुठभेड़ के बाद आतंकवादियों से खतरनाक हथियार बरामद किए गए थे. उससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना की गाड़ी पर आतंकवादी हमला हुआ था.