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- भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स सुरक्षा को और अधिक बढ़ाने जा रही है।
- सीमा पर सुरक्षा को और पुख्ता करेगी क्योंकि इससे राज्य में अपराधिक गतिविधियां बढ़ रही हैं।
आइजोल । असम राइफल्स मिजोरम में अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त हो गई है। भारत-म्यांमार सीमा के 510 किलोमीटर लंबे हिस्से पर असम राइफल्स सुरक्षा को और अधिक बढ़ाने का फैसला किया है। असम राइफल्स ने सीमा पर चौकसी बढ़ाने का फैसला लिया है ताकि पड़ोसी देश से अवैध प्रवासियों को आने से रोका जा सके। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दरअसल म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने के बाद वहां के लोगों ने पूर्वोत्तर के राज्यों में शरण लेना शुरू कर दिया था। जिसके बाद से ही राज्य में हत्या के मामलों सहित कई अपराधों की घटनाओं की संख्या बढ़ी है। ऐसे में स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल बन गया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए असम राइफल्स मिजोरम में घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला किया है।
भारत-म्यांमार सीमा पर होगी क्रॉसिंग बंद
असम राइफल्स के एक अधिकारी ने बताया कि हम सीमा पर अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर अधिकांश क्रॉसिंग बंद करने का फैसला किया है क्योंकि इससे मिजोरम में कानून और व्यवस्था की स्थिति बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में दक्षिण मिजोरम के सियाहा जिले से सटे म्यांमार की तरफ मिजोरम के तीन निवासियों और म्यांमार के नागरिकों द्वारा सेरछिप में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी।
मादक पदार्थों की तस्करी में भी हैं शामिल
अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि म्यांमार के चिन राज्य में कई समूह भारत में “मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं। असम राइफल्स के अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश और म्यांमार दोनों से कई शरणार्थियों या अवैध प्रवासियों ने नकली भारतीय पहचान पत्र हासिल किए हुए हैं।
ज़ोखावासंग में स्थानांतरित हो सकता है मुख्यालय
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि असम राइफल्स, केंद्रीय अर्धसैनिक बल, गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद अपने बटालियन मुख्यालय को आइजोल के केंद्र से ज़ोखावासंग में स्थानांतरित कर देगा। ज़ोखावासंग राज्य की राजधानी से 15 किमी दूर है। हालांकि उन्होंने कहा कि अब तक स्थानांतरण के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है और समझौता ज्ञापन तैयार किया जा रहा है।