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- भारतीय अधिकारी बुजुर्गों और बीमारों को भी वहां से सुरक्षित निकाल रहे हैं।
- सूडान में करीब 3,000 भारतीयों को निकालने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
नई दिल्ली, भारत ऑपरेशन कावेरी के तहत हिंसाग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को लगातार सुरक्षित निकालने का काम कर रहा है। भारतीय अधिकारी बुजुर्गों और बीमारों को भी वहां से सुरक्षित निकाल रहे हैं। सूडान से स्वदेश लौटने वालों में बुजुर्गों और बीमार लोग भी थे। इनका खास ख्याल रखा गया। वहीं, ऑपरेशन कावेरी के तहत सोमवार को 186 भारतीय स्वदेश लौटे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा, ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीय नागरिकों का लौटना जारी। 186 यात्रियों के साथ एक विमान कोच्चि पहुंचा। गौरतलब है, इस अभियान के तहत सातवें और आठवें जत्थे में दो विमानों से क्रमश: 229 और 40 भारतीय स्वदेश पहुंचे थे, जबकि इसके एक दिन पहले 365 भारतीय नागरिक दिल्ली आए। वहीं, इस निकासी अभियान के तहत शुक्रवार को दो जत्थों में 754 नागरिक भारत लौटे थे। आंकड़ों के मुताबिक सूडान से अब तक करीब 2,486 भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी हुई है। भारत ने सऊदी अरब के शहर जेद्दा में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है ताकि सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने में सुविधा हो सके। सूडान में करीब 3,000 भारतीयों को निकालने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
मिस्र का दावा, 40,000 से अधिक सूडानी नागरिक उसकी सीमा में घुसे…
मिस्र का दावा है कि 40,000 सूडानी नागरिक उसकी सीमा में घुस आए हैं। वहीं अन्य चाड, दक्षिण सूडान और इथियोपिया चल गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बिजली और पानी की आपूर्ति अनिश्चित हो गई है। खाने की सामग्री और ईंधन की कमी हो गई है और अधिकांश अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र बंद हो चुके हैं। ऐसे हालात में उनके पास पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
सूडान में युद्धविराम की अवधि फिर बढ़ी, फायरिंग जारी
सूडान में युद्धविराम की अवधि अगले 72 घंटे तक बढ़ाने पर फिर सहमति हो गई हैं, मगर कई हिस्सों में अब भी फायरिंग जारी है। सूडान की सेना और प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल ने कहा है कि वे संघर्ष-विराम अगले 72 घंटे के लिए बढ़ाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक संघर्ष में 528 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 4,599 लोग घायल हो गए हैं। दोनों पक्षों की ओर से यह निर्णय नागरिकों और सहायता सामग्री के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद आया है। इस बीच, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया। लोग पलायन को मजबूर हैं।