पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की संकल्प के तीन साल पर आयोजित तैयारी बैठक में सहभागिता
19 फरवरी को भोपाल स्मार्ट सिटी पार्क में लगाए जाएंगे 108 पौधे
वृक्षोरोपण में देश के प्रमुख पर्यावरणविद्, सामाजिक संस्थाएं और पर्यावरण से जुड़े एनजीओ शामिल होंगे
भोपाल। समाज को मिलकर कुछ अच्छे काम अपने हाथों में लेने चाहिए और सरकार उन कामों को सहयोग करें, ये भाव मेरे मन में बहुत पहले से प्रबल है क्योंकि हर काम सरकार का नहीं है, समाज की भी अपनी ड्यूटी होती है जिम्मेदारी होती है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भोपाल के हिन्दी भवन में संकल्प के तीन साल पर आयोजित तैयारी बैठक में सहभागिता की। उन्होंने कहा कि 19 फरवरी 2021 को अमरकंटक से नर्मदा जयंती के अवसर पर पेड़ लगाने का अभियान शुरू किया था। अब इस अभियान को तीन साल पूरे होने वाले हैं और इसलिए 19 फरवरी को भोपाल स्मार्ट सिटी पार्क में 108 पेड़ लगाए जाएंगे। इसके पश्चात रविन्द्र भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, यह एक अलग तरह का मंच है, यह नागरिकों का मंच है, इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं हैं। उन्होंने कहा कि, जब मैं मुख्यमंत्री था तो तीन साल पहले मेरे मन में एक विचार आया कि, पर्यावरण बचाओ, पेड़ लगाओ और तब मन में एक संकल्प जागा कि, पहले खुद पेड़ लगाओ फिर आप किसी और को कहने के अधिकारी हो। मैंने पेड़ लगाना शुरू किया और मन में ये संकल्प लिया कि, रोज एक पेड़ जरूर लगाउंगा और तब से लेकर अब तक एक दिन भी नागा नहीं गया, जब मुझे कोविड हो गया तब भी मैंने पेड़ लगाया।
भोपाल से पर्यावरण बचाने की क्रांति
संकल्प के तीन साल, तैयारी बैठक में आज भोपाल महापौर, पूर्व महापौर, समाजसेवी और कई सामाजिक संस्थाओं के सदस्य उपस्थित रहे। इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि, एक राजनीतिक प्लेटफॉर्म भोपाल में बने जिसमें राजनीति से ऊपर उठकर काम हो। हम और बेहतर प्रयास करें तो हर नागरिक को इस अभियान से जोड़ सकते हैं, हर विद्यार्थी को जोड़ सकते हैं। भोपाल से एक क्रांति की शुरआत हो सकती है, पर्यावरण बचाने की क्रांति, हर बड़ा काम ऐसे ही शुरू होता है। एक बात और ध्यान रखिए कि, इस प्रकृति का ऐसे ही विनाश होता चला गया तो यह धरती आने वाली पीढिय़ों के रहने लायक नहीं बचेगी। क्या यह हमारा कर्तव्य नहीं है कि, आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित धरती छोड़कर जाएं। मुझे लगा कि राजनीति से हटकर एक प्लेटफॉर्म ऐसा बनना चाहिए जिसमें सभी आ सकें। एक ऐसा मंच बन सकता है जहां सभी बैठकर विचार कर सकें। 19 फरवरी को रविन्द्र भवन में पर्यावरण से जुड़े सभी लोगों को इकठ्ठा करें। पेड़ लगाना है और पेड़ बचाना है।
ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के लिए बड़ा खतरा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मेरा जन्म हुआ नर्मदा जी के तट पर हुआ है। नर्मदा जी का उद्गम ही पेड़ों से है और नर्मदा जी मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। कालांतर में खूब पेड़ कटे, हमारे गांव में भी दोनों तरफ जंगल होते थे लेकिन आज कुछ नहीं बचा है। हम सब जानते हैं कि, ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ये कहा जा रहा है कि, 2050 तक धरती की सतह का तापमान 2 डिग्री सेंटिग्रेट बढ़ जाएगा। ग्लेशियर पिघल जाएंगे, समुद्र का जल का स्तर बढ़ जाएगा। बारिश अनियमित हो जाएगी, या तो होगी नहीं और होगी तो धूंआधार होकर बाढ़ की स्थिति पैदा करेगी। कई तरह की आशंकाएं दुनिया भर के वैज्ञानिक जता रहें हैं। ग्लोबल वार्मिंग से पूरी दुनिया चिंतित है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी भारत की ओर से दुनिया को कुछ कमेटमेंट किए हैं कि, हम 2070 तक जीरो नेट तक अपने देश को ले जाएंगे। एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर हम सोचें कि, क्या हम केवल चिंता ही प्रकट करेंगे, क्या हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहेंगे।
प्रयास करें तो जंगल खड़ा कर सकते हैं
पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि, मैं हर दिन पेड़ लगाता हूं, लेकिन कामकाज करने वाले हर दिन पेड़ लगाने का समय नहीं निकाल पाते हैं। मेरा मानना है कि, हर दिन नहीं तो अपने जन्मदिवस पर पेड़ जरूर लगाएं। कई लोग मेरे साथ अपने विवाह वर्षगांठ पर पेड़ लगा रहें है, कई लोग बच्चों के जन्मदिन पर मेरे साथ पेड़ लगा रहें हैं और कई लोग माताजी-पिताजी की पुण्यतिथि पर भी पेड़ लगा रहें हैं। धीरे-धीरे एक अभियान बन गया है। आप सभी समाज के जिम्मेदार नागरिक और जिम्मेदार संस्थाएं हैं। आईए हम सब मिलकर एक विचार करें कि, क्या वृक्षारोपण को हम जन-आंदोलन नहीं बना सकते हैं। हम भोपाल में एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं कि, हर भोपाली अपने जन्मदिन के दिन एक पेड़ लगाएगा। अब आप भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में जाकर देखिए पूरा हर-भरा कर दिया है। एक प्रयास से आप जंगल खड़ा कर सकते हैं और ये केवल जंगल नहीं है ये जीवन है।
अच्छे कामों के लिए समय निकालें
पूर्व सीएम ने कहा कि, अभी हम एक चीज पर सिमित रखें और शुरूआत करें, फिर कई जीचें जुड़ सकती है। कॉलेज और स्कूल में भी वृक्षारोपण का अभियान चलाया जा सकता है कि, जिस बच्चे का जन्मदिन है वह पेड़ लगाएगा, उसके लिए जमीन सुरक्षित रखें। सोलर पॉवर को लेकर भी अभियान चलाया जा सकता है, क्योंकि थर्मल पॉवर से पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक को लेकर भी अभियान चलाया जा सकता है। हमने वृक्षारोपण कार्यक्रम में उत्तराखंड के सबसे बड़े पर्यावरणविद् अनील जोशी को भी आमंत्रित किया है। केवल भीड़ इकठ्ठा करना हमारा मकसद नहीं है, सार्थक चर्चा कर हम तय कर सकते हैं कि, आगे क्या-क्या कार्य किए जा सकते हैं। अच्छे कामों के लिए 1 या 2 घंटे का समय निकाला जा सकता है।