भोपाल। दो महीने बाद प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कांग्रेस पार्टी छोड़कर जाने वाले दर्जन भर से अधिक नेताओं ने घर वापसी भी कर ली है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने स्पष्ट किया है कि बाहर से आने वाले नेताओं को कांग्रेस पार्टी टिकट तभी देगी, जब कांग्रेस के स्थानीय स्तर पर सहमति बनेगी। यानी कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की सहमति नहीं होने पर दूसरी पार्टी से आने वाले या घर वापसी करने वालों को टिकट मिलना आसान नहीं होगा।
कमलनाथ स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्होंने टिकट के दावेदारों के संबंध में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों तक से जानकारी ली है। दरअसल भाजपा में कांग्रेस से गए नेताओं को लेकर नाराजगी को देखते हुए पार्टी फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। पार्टी की सदस्यता दिलाने के लिए जिला इकाई के पदाधिकारियों के साथ पहले बैठक की जाती है और फिर उनकी उपस्थिति में ही प्रवेश कराया जाता है ताकि विरोध जैसी स्थिति ही न बने। प्रत्याशी चयन में भी इसी तरह सावधानी बरती जा रही है। यही कारण है कि संभावित दावेदारों की जानकारी ब्लाक इकाई तक से ली गई है।
कई नेता कर चुके घर वापसी
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांगेेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेताओं की बड़ी संख्या में वापसी हो चुकी है। इनमें ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, धार, देवास सहित अन्य जिलों के भाजपा से जुड़े नेता अधिक हैं। कोलारस से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इनके पार्टी में आने से अंदरखाने में यह चर्चा भी प्रारंभ को गई है कि इनमें से कुछ को प्रत्याशी भी बनाया जा सकता है। हालांकि, यह स्थानीय स्तर पर सहमति के बिना नहीं होगा।
Congress ticket will be given only on the consent of local leaders.