प्रदेश के सभी विकासखंडों में दो-दो पीएम श्री स्कूल खोलने और सीहोर जिले के बुधनी में 100 सीटों वाला मेडिकल कॉलेज खोलने को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में 730 पीएम श्री विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। हर विकासखंड में दो-दो पीएम श्री विद्यालय के साथ 52 जिलों के नगरीय निकायों में दो-दो यानी 104 पीएम श्री विद्यालय चिह्नित किए जाएंगे। विकासखंड और नगरीय निकाय क्षेत्र में एक प्रारंभिक शिक्षा यानी कक्षा पहली से आठवीं और दूसरी स्कूल उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए होगा। कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि पीएम श्री स्कूलों के संचालन पर प्रतिवर्ष 277 करोड़ 40 लाख रुपये का वित्तीय भार आएगा। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा व्यय की जाएगी। पांच वर्ष तक यह व्यवस्था रहेगी। पीएम श्री स्कूलों का संचालन पूरी तरह से राज्य सरकार करेगी। इन स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रविधानों के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता, समानता एवं शिक्षा सुविधा की पहुंच का समावेश किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश की ब्रांडिंग करने के लिए प्रदेश में फिल्मों के निर्माण पर दी जाने वाली रियायत भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस साधिकार समिति इस पर निर्णय लेगी।
714 करोड़ में बनेगा मेडिकल कॉलेज
कैबिनेट की बैठक में सीहोर जिले के बुधनी में 714 करोड़ 91 लाख की लागत से 100 एमबीबीएस सीट प्रवेश क्षमता का नवीन चिकित्सा महाविद्यालय, 500 बिस्तर का अस्पताल, नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए 60 सीट प्रवेश क्षमता का नर्सिंग महाविद्यालय और पेरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए 60 सीट प्रवेश क्षमता का महाविद्यालय स्थापित करने का कैबिनेट ने मंजूरी दे री है। 500 बिस्तरों का अस्पताल खुलने से नर्मदापुरम्, इटारसी, पिपरिया, बैतूल एवं आसपास के क्षेत्रों की जनता को चिकित्सा सुविधाएं सुलभ होंगी।
दो करोड़ 36 लाख में बेचेंगे हेलिकाप्टर
कैबिनेट ने बेल-430 हेलिकाप्टर, अतिरिक्त इंजन और पुर्जे दो करोड़ 36 लाख रुपये में बेचने का निर्णय लिया गया। यह हेलिकाप्टर 2003 में दुर्घटनाग्रस्त हे गया था। निर्माता कंपनी द्वारा यह माडल बनाना भी बंद कर दिया है। इसे बेचने के लिए सात बार पूर्व में भी प्रयास किए गए पर अपेक्षित कीमत न मिलने के कारण निर्णय नहीं हो पा रहा था। अब निर्धारित दर दो करोड़ 24 लाख रुपये से अधिक का प्रस्ताव मिलने पर इसे बेचने का निर्णय लिया गया।