जिला अस्पताल दमोह के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती डेढ़ साल की एक अतिकुपोषित बच्ची की मौत के मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आयोग ने डेढ़ साल की बालिका के जन्म के बाद से क्षेत्र की शासकीय योजना के अनुसार उसमें पोषण विकास के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा इस संबंध में की गई कार्यवाही और उचित देखभाल में की गई उपेक्षा (यदि कोई हो तो) के संबंध में तीन सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब भी अधिकारियों से मांगा है। आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, तेंदूखेड़ा व्लॉक के बगदरी के घुटरिया में नारायण आदिवासी हालत बिगडऩे पर अपनी डेढ़ साल की बच्ची दुर्गा को स्वास्थ्य केन्द्र तेंदुखेड़ा पहुंचा था। यहां से उसे जिला अस्पताल के एनआरसी सेंटर रैफ र कर दिया गया, जहां मासूम की मौत हो गई। मृत बच्ची के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सिर्फ 6.5 ग्राम थी, जबकि सामन्य तौर पर यह 10-11 ग्राम के बीच होनी चाहिए थी।
आधा घंटे में मिलता है एक डिब्बा पानी :
बड़वानी जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर ग्राम पंचायत अंबापानी के अंजनियापानी गांव में जल संकट गहरा गया है। हालात यह हैं कि गांव के लोग नाले के गढ्ढ़े से लाइन में लगकर पानी भरने को मजबूर हैं। आधे घंटे में गढ्ढ़े से एक डिब्बा पानी निकल पाता है। गांव के लोगों ने बताया कि गढ्ढे से पानी भरने के लिये रात तीन बजे से उठकर महिलाएं पानी भरने आती हैं। गावं की आबादी करीब 2600 है और 1900 वोटर हैं। पंचायत क्षेत्र में सात हैंडपंप हैं, जो गर्मी के मौसम में सूख जाते हैं। इस कारण यहां के लोग तीन अलग-अलग स्थानों से तीन-तीन किमी दूर से पानी भरकर लाते हैं। मामले में संज्ञान लेकर आयोग ने कलेक्टर को प्रकरण की जांच कराने और की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह के भीतर जवाब भेजने के निर्देश दिए हैं।