भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) के एक तत्कालीन कार्यपालन यंत्री और ठेकेदार को 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ) राजीव पाल की अदालत ने सुनाया है। मामले में दोनो आरोपियों पर दो-दो हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अभियोजक हेमलता कुशवाहा एवं ऋषिराज द्विवेदी द्वारा की गई है। लोक अभियोजक के अनुसार, लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण में न्यायालय ने आरोपी तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एमएम खान और ठेकेदार अशोक कुमार जैन को उक्त सजा सुनाई है।
यह है पूरा मामला :
लोक अभियोजक के अनुसार, मामले में लोकायुक्त कार्यालय में शिकायतकर्ता आर सी श्रीवास्तव द्वारा एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि भोपाल विकास प्राधिकरण की योजना ग्राम अमराबद खुर्द योजना के अंतर्गत प्लॉट्स काटे गए थे। संपूर्ण रहवासी भूखंडो के बाहय विघुतीकरण का कार्य भी किया गया। जिसमें बीडीए के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एम.एस.खान ने अपने पद का दुरूप्रयोग करते हुए भ्रष्टाचार किया। खान द्वारा टेंडर को पब्लिश के पहले इस्टीमेट तैयार नहीं कराया। इससे पहले ही अनुमानित लागत 50 लाख रुपए डालकर सक्षम अफ सरों से स्वीकृति कराए बिना टेंडर ठेकेदार को दे दिया। ठेकेदार अशोक कुमार जैन की निविदा को कम राशि का निविदा दिखाकर खान नेे ठेकेदार एवं खुद को अवैध लाभ पहुंचाया औ भोपाल विकास प्राधिकरण को हानि पहुचाई गई।लोकायुक्त पुलिस की जांच में भ्रष्टाचार पाया गया। लोकायुक्त ने चालान पेश किया। न्यायालय ने मामले में अभियोजन साक्ष्य, दस्तावेजों एवं तर्को से सहमत होते हुए दोनो आरोपियों को उक्त सजा सुनाई है।