पिछले साल 9 मई को सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों में प्रत्यक्षदर्शियों ने 71 वर्षीय इमरान खान को मास्टरमाइंड करार दिया है।
पाकिस्तानी अदालतों द्वारा ताबड़तोड़ दोषी ठहराए जा रहे और सजा पा रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को फांसी भी हो सकती है। पिछले साल 9 मई को सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों में प्रत्यक्षदर्शियों ने 71 वर्षीय इमरान खान को मास्टरमाइंड करार दिया है। इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के करीबी शीर्ष सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इनमें से किसी भी चश्मदीद को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी रियायत की पेशकश का वादा नहीं किया गया है।
पाकिस्तान में आम चुनावों से ठीक पहले एक तरफ जहां कुल चार मामलों में इमरान खान को अब तक कुल 34 साल की जेल हो चुकी है, वहीं देश के खिलाफ षडयंत्र रचने और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के मास्टरमाइंड के रूप में स्थापित किया जा रहा है। निश्चित तौर पर इसका असर चुनावों पर पड़ सकता है। पिछले साल 9 मई को पीटीआई कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में ISI बिल्डिंग समेत एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों पर तोड़फोड़ की थी। इतना ही नहीं रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय पर भी हमले हुए थे।
हालांकि, खान दावा करते रहे हैं कि सेना के ठिकानों पर हमला लंदन एग्रीमेंट का हिस्सा था। इमरान खान पूर्व पीएम नवाज शरीफ को सेना की ओर से एक बार फिर सत्ता में लाने के प्रयास को लंदन एग्रीमेंट कहते रहे हैं। उनका आरोप है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज प्रमुख नवाज शरीफ को शक्तिशाली पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है।