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- नासा का पूरे 2 महीने बाद अपने इनजेन्युटी मार्स हेलीकॉप्टर से संपर्क स्थापित हुआ है.
- मंगल ग्रह काफी पथरीला है इस कारण यहां कोई भी मिशन करना मुश्किल होता है.
- इस मिशन से मंगल ग्रह को लेकर कई अहम जानकारियां प्राप्त हो सकती हैं.
वाशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अपने इनजेन्युटी मार्स हेलीकॉप्टर से पूरे दो महीने बाद फिर से संपर्क साधने में सफल हो गया है. नासा ने इसकी जानकारी शुक्रवार को दी है. बता दें कि स्पेस एजेंसी ने फरवरी 2021 में मंगल ग्रह पर एक मिशन की शुरुआत की थी. इसी मिशन के तहत एक मिनी हेलीकॉप्टर इनजेन्युटी और प्रीजर्वेंस रोवर मंगल ग्रह पर भेजा गया था. इस मिशन की कंट्रोलर कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री का 26 अप्रैल को अपने करीब 1.8 किलो वजनी इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर से संपर्क टूट गया. इंजेन्युटी की 52वीं उड़ान 26 अप्रैल को शुरू हुई, लेकिन कैलिफोर्निया में नासा की JPL में मिशन नियंत्रकों ने दो मिनट, 1,191-फुट (363-मीटर) की उड़ान के बाद इसके सतह पर उतरते ही संपर्क खो दिया.
संपर्क टूटने का यह सबसे लंबा समय
मालूम हो कि मंगल का यह क्षेत्र काफी पथरीला है, जिसकी वजह से यहां कोई भी मिशन करना काफी मुश्किलों भरा होता है. यही कारण है कि यहां कम्युनिकेशन टूटने का भी खतरा रहता है. नासा को भी इसी खतरे की आशंका थी. बहरहाल JPL में इंजेन्युटी टीम के प्रमुख जोश एंडरसन ने बताया कि ‘मिशन में अब तक इनजेन्युटी से सुने बिना यह सबसे लंबा समय है.’
कई अहम जानकारियां हो सकती हैं प्राप्त
बता दें कि इस मिशन के तहत इनजेन्युटी हेलीकॉप्टर को उड़ान भरते हुए मंगल ग्रह की फोटो नासा के पास भेजनी हैं और रोवर को मंगल की जमीन से सैंपल इकट्ठा करने हैं. एंडरसन ने आगे कहा ‘इनजेन्युटी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि जब इस तरह का संचार अंतराल होता है तो यह खुद की देखभाल करता है, लेकिन अंत में संपर्क फिर से स्थापित होने के बाद हम सभी को राहत की अनुभूति हुई.’ नासा को उम्मीद है कि इस मिशन से मंगल को लेकर कई अहम जानकारियां प्राप्त हो सकती हैं.