काबुल- पाकिस्तान से अफगान प्रवासियों के निर्वासन के बीच तालिबान ने देशों से अफगानों को राजनीतिक हथकंडा के तौर तरीके इस्तेमाल न करने का अनुरोध किया है। तालिबान के डिप्टी प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने अपने पड़ोसी देशों की आलोचना करते हुए कहा अफगान प्रवासियों से कानूनी रूप से निपटने का अनुरोध किया है। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के मौके पर डिप्टी पीएम ने इसकी टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने हाल ही में अफगानिस्तान से पाकिस्तान और अन्य देशों में हजारों की संख्या में प्रवासियों के निर्वासन की जानकारी दी। अफगान प्रवासियों को देश से बाहर करना गैर कानूनी स्थानीय मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘
हमारे मुस्लिम भाईयों को दूसरे देशों से बाहर निकाला जा रहा है, जो कि गैर कानूनी है। इससे पहले नवंबर में पाकिस्तान के कार्यवाहक सरकार ने अवैध विदेशी नागरिकों को निर्वासित करने के लिए एक अभियान चलाया था।’ हालांकि पाकिस्तान के इस फैसले की कई देशों ने आलोचना की थी। पाकिस्तान में रहने वाले चार मिलियन अफगान नागरिकों में से 1.4 मिलियन के पास वैध दस्तावेज नहीं है। इस वजह से तोरखम और चमन सीमा के जरिए हजारों अफगानों को अफगानिस्तान वापस भेज दिया गया। तालिबान के दूसरे डिप्टी प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हल्फी ने बताया कि बड़ी संख्या में अफगानी भाई-बहन दूसरे-दूसरे देशों से अपने देश वापस लौटे हैं। करीबन सात लाख अफगानी यहां पहुंचे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस पर शामिल हुए अफगानिस्तान के नेता खलील रहमान हक्कानी ने अफगान प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न देशों में अफगानों को प्रताड़ित किया जाता ता, लेकिन अब ये पूरी दुनिया में मौजूद है। अब भी 40 वर्षों के दुख और गरीबी के बाद भी वे अपनी संपत्ति, बच्चों और संस्कार को खत्म कर रहे हैं। हाल ही में ईरान के आंतरिक मंत्री ने चार लाख अफगान प्रवासियों को देश से बाहर किया था।