Home » फिल्में चीन और भारत के बीच एक अनूठा बंधन

फिल्में चीन और भारत के बीच एक अनूठा बंधन

  • चीन की आर्थिक ताकत में वृद्धि और इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में वृद्धि के साथ, चीनी फिल्मों ने दुनिया भर के लोगों का अधिक से अधिक ध्यान आकर्षित किया है।

बीजिंग । कहते हैं कि फिल्म किसी भी देश का आईना होता है, जिसके द्वारा हम वहां के लोगों की भावनाओं को बेहतर तरीक़े से समझ सकते हैं। हाल के वर्षों में, चीन की आर्थिक ताकत में वृद्धि और इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में वृद्धि के साथ, चीनी फिल्मों ने दुनिया भर के लोगों का अधिक से अधिक ध्यान आकर्षित किया है। सालाना जून में आयोजित शांगहाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल यानी एसआईएफएफ, दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं के लिए एक महान कार्यक्रम बन गया है, जिसकी सार्वभौमिक उद्योग अपील, अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव और दुनिया की बहुसांस्कृतिक फिल्म संस्कृति और फिल्म उद्योग के विकास पर प्रभाव की उद्योग के अंदर और बाहर के लोगों ने भी प्रशंसा की है।

जानकारी के अनुसार इस वर्ष के एसआईएफएफ ने 105 देशों और क्षेत्रों से रिकॉर्ड तोड़ 3,700 प्रस्तुतियां प्राप्त की हैं, जिसमें 2,224 प्रविष्टियों में से 1,375 विश्व प्रीमियर और 390 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर प्रदर्शित किए गए हैं। “फिल्म सिटी” थीम पर आधारित महोत्सव की स्क्रीनिंग गतिविधियां शांगहाई के सभी 16 जिलों में स्थित 47 थिएटरों में आयोजित की जा रही है।

इस वर्ष दो भारतीय फ़िल्में भी इस फेस्टिवल में हिस्सा ले रहीं हैं। पहला, ‘बर्ड ऑफ ए डिफरेंट फ़ीदर’ मनोहरा के द्वारा निर्मित है और दूसरी ‘इन द नेम ऑफ फ़ायर’ जिसका निर्देशन अभिलाष शर्मा ने किया है, इन दोनों फ़िल्मों को एशियन न्यू टैलेंट के तहत एंट्री दी गई है। साथ ही शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ भारतीय बॉक्सऑफिस में छाने के बाद अब शांगहाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में छाने के लिए भी तैयार है।

फिल्म को एसआईएफएफ 2024 के इंटरनेशनल पैनोरमा सेक्शन के लिए चुना गया है। साथ ही राजकुमार हिरानी को भी एसआईएफएफ में फिल्म रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर इन्वाइट किया गया है। आपको बता दें कि चीनी सिनेमा का अपना अलग महत्व है और इसका भारतीय संस्कृति पर भी गहरा प्रभाव है, चीनी सिनेमा किसी भी उम्र के लोगों को अपनी और आसानी से आकर्षित कर लेता है। कई चीनी फ़िल्में बहुत भावनात्मक होतीं है और कई अपनी संस्कृतियों से जुड़ी होती हैं। भारतीय फ़िल्मों का भी चीनी लोगों पर कुछ ऐसा ही प्रभाव देखने को मिलता है।

चीनी दर्शकों को भारतीय सिनेमा भी अपनी तरफ़ ख़ूब आकर्षित करता है और चीन में भारतीय सिनेमा को उतना ही पसंद किया जाता है, जितना चीनी फ़िल्मों को भारत में। यह अपने आप में एक अनूठा बंधन है। फिल्में दोनों देशों के लोगों को भावनात्मक रूप से आपस में जोड़ने और समझने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

आशा है आगे भी दोनों देशों के सिनेमा अपनी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे और दोनों देशों को और नज़दीक लाने में मदद करेंगे। यही नहीं दोनों देशों के लोग सिनेमा से जुड़ी अन्य तकनीक और टेक्नोलॉजी आपस में साझा करेंगे और इसका भरपूर लाभ भी उठाएंगे।

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd