भारतीय मूल के एक जाने-माने वकील गिरिधरन सिवारामन को ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग (एएचआरसी) का नया नस्लभेद आयुक्त नियुक्त किया गया है। सिवारामन की जिम्मेदारी सभी तरह के नस्लीय भेदभाव का मुकाबला करने के लिए समाज के सभी वर्गों में समझ, सहिष्णुत और सद्भाव को बढ़ावा देने की होगी। सिवारामन बहुसांस्कृतिक ऑस्ट्रेलिया (मल्टीकल्चरल ऑस्ट्रेलिया) समूह के प्रमुख हैं। वह मौरिस ब्लैकबर्न में एक जाने-माने वकील हैं। वह क्वींसलैंड रोजगार कानून विभाग के अध्यक्ष भी हैं।
अटॉर्नी जनरल मार्क ड्रेफस ने एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, मैं सिवारामन को उनकी नियुक्ति पर बधाई देता हूं और इस बड़ी जिम्मेदारी को संभालने के लिए उनका आभार जताता हूं। उनकी व्यापक समझ नस्लीय भेदभाव और मानवाधिकार के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग के लिए एक बड़ी संपत्ति होगी
श्रमिकों के लिये मुआवजा योजना चलाई
वहीं, सिवारामन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, मैं नस्ल भेदभाव आयुक्त नियुक्ति किए जाने पर खुद को सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रहा हूं। वहीं, आयोग ने बताया कि सिवारामन ने कई राष्ट्रीय स्तर के नस्लीय भेदभाव के मामलों को मुकदमों की मेजबानी की है और कम वेतन वाले श्रमियों के लिए मुआवजा योजना चलाई है। इनमें कई प्रवासी श्रमिक हैं। क्वींसलैंड बहुसांस्कृतिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में सिवारामन ने नस्लीय भेदभाव के पीड़ितों के अधिकारों का मुद्दा उठाया था।