भारत ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी, विदेश मंत्री और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों की दुखद मौत के बाद देश में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका हुआ रहा। नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने अपना झंडा आधा झुका दिया है। इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के निधन पर शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में रायसी के योगदान को स्वीकार किया।
पीएम मोदी ने लिखा, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के दुखद निधन से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है। इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और उनके विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की मौत पर शोक व्यक्त किया।
दुनियाभर क राष्ट्राध्यक्षों ने व्यक्त किया शोक
ईरानी राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों के निधन के बाद, ईरानी विदेश मंत्री और जहाज पर मौजूद अन्य अधिकारियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। पूर्व ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ खानसारी ने भी शोक संदेश पोस्ट किया और राष्ट्रपति रायसी के साथ अपने उत्तराधिकारी होसैन अमीरबदोल्लाहियन की “शहादत” पर संवेदना व्यक्त की।
इब्राहिम रायसी कौन थे?
ईरान के 63 वर्षीय नेता इब्राहिम रईसी पॉलिटिक्स में आने से पहले ईरान की न्यायपालिका से जुड़े थे। उन्होंने 2017 में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था। हालांकि, पहले चुनाव के दौरान वे उदारवादी नेता मौलवी हसन रूहानी से हार गए थे। 2017 के चुनाव में रईसी के सभी विरोधियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था, क्योंकि रईसी का विरोध करने वाले सभी नेता किसी न किसी मामले में जांच का सामना कर रहे थे। इस चुनाव में रईसी को 62% वोट मिले थे, जो ईरान के इतिहास में सबसे कम वोट प्रतिशत माना जाता है।