फ्रांस अपने संविधान में गर्भपात के अधिकारों को शामिल करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। प्रस्ताव को फ्रांसीसी संसद के दोनों सदनों में सांसदों द्वारा 780 के मुकाबले 72 मतों से मंजूरी दे दी गई, जो फ्रांसीसी संविधान को बदलने के लिए आवश्यक तीन-पांचवें बहुमत को पूरा करता है। ये कानून महिलाओं को गर्भपात की आजादी देता है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि उन्होंने महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार देने का वायदा किया था, जिसे पूरा किया है।
प्रधानमंत्री गेब्रियल अटल ने ससंद में मतदान से पहले कहा कि हम सभी महिलाओं को एक संदेश दे रहे हैं कि आपका शरीर आपका है और कोई दूसरा आपके लिए निर्णय नहीं ले सकता है। ये फैसला आप खुद करेंगी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि सरकार शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला अधिकार दिवस पर संशोधन के पारित होने का जश्न मनाएगी। इसके लिए एक औपचारिक समारोह आयोजित किया जाएगा।
आपको बता दें, फ्रांस में 1975 से गर्भपात के लिए कानून है। साल 1975 में फ्रांस ने अबॉर्शन को लीगल बनाया था लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए इसे संवैधानिक अधिकार बना दिया गया है। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लगभग 85 फीसदी जनता ने गर्भावस्था को समाप्त करने के अधिकार की रक्षा के लिए संविधान में संशोधन का समर्थन किया है। कई देशों ने संविधान में बच्चे पैदा करने से जुड़े अधिकारों को शामिल किया है लेकिन फ्रांस पहला देश है, जो स्पष्ट रूप से गर्भपात की गारंटी देता है।