कतर में सजा-ए-मौत पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों ने अपनी रिहाई के बाद सुरक्षित भारत लौट आये है। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय दिया और कहा कि उनकी अथक कोशिशों का ही नतीजा है कि वे लोग आज अपने वतन वापस आ सके हैं।
दरअसल, कथित तौर पर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी आठ भारतीयों को कतर ने सोमवार देर रात रिहा कर दिया गया। जिसके बाद उनमें से सात भारत लौट आए हैं। मीडिया से बात करते हुए इन सभी नौसैनिकों ने कहा “हमने भारत वापस आने के लिए लगभग 18 महीने तक इंतजार किया। हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं। यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं होता। हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं, उन प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं होता।”
आपको बता दें, कतर से रिहा किये हुए नौसैनिकों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश गोपाकुमार शामिल है। इन सभी नौसैनिकों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। कतर की सरकार ने आरोप लगाया था कि कतर स्थित रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज द्वारा नियुक्त ये दिग्गज इज़रायल की ओर से एक पनडुब्बी कार्यक्रम के लिए जासूसी कर रहे थे।