पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहाई देने पर सुप्रीम कोर्ट के सामने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट में शामिल पार्टियां धरना दे रही हैं। इसकी अगुआई जमीयत-ए-उलेमा-इस्लाम फजल के नेता मौलाना फजल-उर-रहमान और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की वाइस प्रेसिडेंट मरियम नवाज कर रहे हैं।
अल कादिर ट्रस्ट केस में इमरान की पत्नी बुशरा को 23 मई तक गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। इमरान और बुशरा बीबी लाहौर हाईकोर्ट पहुंचे तो उनके चारों तरफ सफेद कपड़े का घेरा बनाया गया था। इसलिए मीडिया को उनकी तस्वीरें लेने का मौका भी नहीं मिला। 4 मिनट की सुनवाई में बुशरा को 23 मई तक प्रोटेक्टिव बेल मिल गई।
रेड जोन वाले इस इलाके में 9 मई से धारा 144 लागू है। इसके बावजूद कार्यकर्ता यहां पहुंचे और उन्होंने गेट फांदकर सुप्रीम कोर्ट में घुसने की कोशिश की।
दूसरी तरफ, डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने संसद में कहा- पहले सुनते थे कि पर्चे लीक होते हैं। अब सुनते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी लीक हो रहे हैं। वहीं ख्वाजा आसिफ ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश अमर अता बंदियाल के इमरान को रिहाई मामले पर जांच करने के लिए एक संसदीय कमेटी बननी चाहिए।
इमरान बोले- मुझे 10 साल जेल में रखना चाहती है सरकार
पाकिस्तान में 9 मई को हुई पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद वहां सियासी हंगामा जारी है। इमरान खान ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा था- सरकार बुशरा बेगम को गिरफ्तार कर मुझे नीचा दिखाना चाहती है। इमरान खान ने नवाज शरीफ का नाम लिए ही कहा कि मेरे लिए ‘लंदन प्लान’ बन चुका है। मुझे 10 साल के लिए जेल भेजने की तैयारी चल रही है।
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