- भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अभियान शुरू किया है।
वाशिंगटन । अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले भारतीय समुदाय के एक समूह ने चुनावों में भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अभियान शुरू किया है। गैर-लाभकारी संस्था फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज ने इंडो अमेरिकन वोट्स मैटर्स नाम से अभियान शुरू किया है।
संस्था द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि देश के भविष्य को आकार देने में समुदाय जो महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है, इस अभियान में उसे रेखांकित किया गया है।
एफआईआईडीएस ने कहा कि एक विविध और उभरते प्रवासी समुदाय के रूप में भारतीय-अमेरिकियों, जिनकी अमेरिका में आबादी 45 लाख के करीब है, के पास 2024 के चुनाव में उल्लेखनीय प्रभाव दर्शाने का विशिष्ट अवसर है।
फ्लोरिडा, जॉर्जिया, एरिजोना, वर्जीनिया, न्यूजर्सी और पेनसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण प्रांतों में केंद्रित भारतीय-अमेरिकी वोट महत्वपूर्ण चुनावों के परिणाम को निर्धारित करने में निर्णायक साबित हो सकते हैं। बयान में कहा गया है कि भारतीय-अमेरिकियों पर बड़े पैमाने पर किए जाने वाले सर्वेक्षण से अमेरिका के घरेलू और वैश्विक नीतिगत मामलों को लेकर उनके विचारों का पता चलेगा, जो समुदाय के लिए अहम होगा।
एफआईआईडीएस के नीति एवं रणनीति मामलों के प्रमुख खंडेराव कंद ने कहा कि राष्ट्रपति चुनावों के लिए महत्वपूर्ण ‘स्विंग प्रांतों’ में अच्छी खासी आबादी के साथ भारतीय-अमेरिकियों के पास प्रभाव डालने का एक अनूठा अवसर है।
अमेरिका में फ्लोरिडा, जॉर्जिया, एरिजोना, वर्जीनिया, न्यूजर्सी और पेनसिल्वेनिया जैसे प्रांत ‘स्विंग प्रांत’ कहलाते हैं, क्योंकि वहां किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं होता और नतीजे किसी भी दल के पक्ष में जा सकते हैं।