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इमरान खान को लगा एक और बड़ा झटका, पार्टी के महासचिव असद उमर ने दिया इस्तीफा, रिहाई के बाद लिया फैसला

  • इमरान खान के करीबी और पार्टी के महासचिव असद उमर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
  • हफ्तेभर में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
  • रिहाई के तुरंत बाद उमर ने अपने इस्तीफे के घोषणा कर दी।
    इस्लामाबाद, ।
    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल, उनकी आर्थिक टीम के प्रमुख और उनके एक करीबी सहयोगी असद उमर ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। 9 मई को हुई हिंसा के बाद से विपक्षी सरकार इसकी जांच में लगी हुई है, जिस बीच उमर ने यह फैसला किया। असद उमर, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के महासचिव थे, उन्होंने बुधवार को अदियाला जेल से रिहा होने के तुरंत बाद पार्टी के सभी पदों से हटने की घोषणा की। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इन परिस्थितियों में मेरे लिए पार्टी का नेतृत्व करना संभव नहीं है। मैं पीटीआई के महासचिव और कोर कमेटी के सदस्य के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” उमर ने कहा कि वह किसी दबाव में पार्टी कार्यालयों से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने पीटीआई नहीं छोड़ा है, बल्कि पार्टी के पदों से इस्तीफा दिया है।
    लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेता दे रहे इस्तीफा
    पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी के बुधवार को पीटीआई से इस्तीफा देने के दूसरे ही दिन उमर ने भी इस्तीफा दे दिया। चौधरी के इस्तीफे के बाद पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने इस्तीफा दे दिया था। मजारी ने पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थकों की कार्रवाई की निंदा की, जिन्होंने 9 मई को पूरे पाकिस्तान में संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला किया और आग लगा दी।
    9 मई को हुई हिंसा में कई कार्यकर्ताओं की गई जान
    9 मई को अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) परिसर से गिरफ्तार करने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के जवाब में लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने पहली बार हमला किया। पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई।
    ‘कई निर्दोष कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी’
    9 मई को सेना द्वारा देश के इतिहास में काला दिन के कहा गया है। हिंसा के बाद खान के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था। अशांति के मद्देनजर उमर, चौधरी और मजारी सहित पीटीआई के कई शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। उमर ने कहा, “मुझे लगता है कि इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ एक पारदर्शी जांच होनी चाहिए, लेकिन पीटीआई के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से बहुत सारे निर्दोष हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।”
    पीटीआई पार्टी पर प्रतिबंध लगाने का विचार
    प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल लोगों पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा, जबकि नागरिक ठिकानों पर हमलों के आरोप में नागरिक कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों पर उनके समर्थकों द्वारा किए गए हमलों के बाद सरकार खान की पीटीआई पार्टी पर संभावित प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।

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