पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजों की घोषणा में देरी के बाद बहुमत प्राप्त नहीं होने पर सरकार का गठन नहीं हो पाया है। इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि वे पाकिस्तान में सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने चुनावी नतीजों में देरी के लिए इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को दोषी ठहराया है। उन्होंने बताया कि इससे तुरंत परिणाम घोषित करने में बाधा उत्पन्न हुई। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि इससे किसी भी राजनीतिक पार्टी को नुकसान नहीं होगा।
साथ काम करने के लिए तैयार होगा अमेरिका
अमेरिका में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया को बताया, ‘मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान में कोई नई सरकार बनी है। मझे लगता है कि अभी भी इसपर चर्चा हो रही है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन एक बात स्पष्ट करता हूं कि पाकिस्तान की जनता जिसे भी अपना सरकार चुनेगी, हम उनके साथ काम करने के लिए तैयार हैं। चुनावी परिणामों के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा
समर्थन प्राप्त निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीटें जीतीं। वहीं एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 75 सीटें जीतीं है। उनके अलावा पूर्व विदेश मंत्री विलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने 54 सीटें और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने 17 सीटें हासिल कीं।
पीटीआई की निर्दलीय उम्मीदवार आगे
सरकार बनाने के लिए एक पार्टी को नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी होंगी। परिणामों में धोखाधड़ी के आरोपों पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘जहां तक धोखाधड़ी के दावों का सवाल है, हम उनकी पूरी जांच देखना चाहते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं, इसलिए सरकार बनने के बाद हम उनके साथ काम करने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने पाकिस्तान की जनता और मीडिया को देश की लोकतांत्रिक और चुनाव संस्थानों की रक्षा करने के लिए शुभकामनाएं दी।